नितिन गडकरी का दोबारा भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष चुना जाना किसी सस्पेंस ड्रामा फिल्म की तरह बन गया है. नामांकन दाखिल करने से एक दिन पहले हर पल एक नई मुश्किल नितिन गडकरी के सामने आ खड़ी हो रही है.
ताजा खबर यह है कि पार्टी नेता यशवंत सिन्हा ने नामांकन पत्र मंगाया है. यशवंत सिन्हा ने अपना सक्रिय कार्यकर्ता होने का प्रमाण देकर नॉमिनेशन पेपर मांगा है. गौर करने वाली बात है कि यशवंत सिन्हा पहले भी गडकरी से इस्तीफे की मांग करते रहे हैं.
गडकरी के मंसूबे पर पूर्ति का 'ग्रहण'!
गडकरी के नामांकन दाखिल करने से एक दिन पहले ये विवाद शुरू हुआ पूर्ति ग्रुप से जुड़ी कंपनियों पर आयकर सर्वे से. मुंबई आयकर विभाग की टीम पूर्ति ग्रुप से जुड़ीशैल कंपनियों के 8 ठिकानों पर एक बार जांच की.
गौरतलब है कि पिछले दो महिनों में आयकर विभाग की ओर से यह दूसरी बार फिल्ड enquiry हो रही है. जबकि, सोमवार को पुर्ति कंपनी के अधिकारियों ने नागपुर आयकर विभाग को एक 25 पन्नो का जवाब भेजा था. अब इस मामले में आयकर विभाग ने नितीन गडकरी को एक फरवरी को नागपुर के दफ्तर में पेश होने का निर्देश दिया है.
गडकरी की ओर से जारी बयान में आयकर की इस कार्रवाई को छवि खराब करने वाली और बीजेपी कैडर में भ्रम फैलाने वाली बताया है.
आडवाणी को मनाने की कवायद
इस बीच एक और खबर आई है कि मुंबई में संघ के भैयाजी जोशी, आडवाणी और गडकरी मीटिंग कर रहे हैं. इस मीटिंग के कई मायने हो सकते हैं. मूलतः यह है कि लालकृष्ण आडवाणी गडकरी को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने से पूरी तरह से सहमत नहीं है.
महेश जेठमलानी ने दी चुनौती
पहले वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी के बेटे महेश जेठमलानी ने गडकरी के खिलाफ मैदान में उतरने की योजना बनायी, हालांकि पार्टी ने उन्हें नामंकन पत्र देने से इनकार कर दिया. पार्टी सूत्रों की माने तो अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए 12 साल से पार्टी का सदस्य होना जरूरी है. हालांकि जेठमलानी सिर्फ 3 वर्षों से पार्टी के सदस्य हैं. हालांकि वरिष्ठ वकील यह दावा कर रहे हैं वे 12 सालों से बीजेपी के सदस्य हैं.