साल 2002 के बिलकिस बानो रेप केस के दोषी गुजरात के IPS अफसर आरएस भगौरा को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने भगौरा की याचिका पर जल्द सुनवाई से इंकार किया.
भगौरा द्वारा दायर याचिका में बॉम्बे हाईकोर्ट के दोषी करार देने के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले ही भगौरा जेल से रिहा हो चुके हैं, क्योंकि वो सजा काट चुके हैं. इसलिए मामले में कोई अर्जेंसी नहीं है. फिलहाल हाईकोर्ट के दोषी करार देने के फैसले पर रोक नहीं लगाएंगे.
गौरतलब है कि भगौरा को ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने उसे दोषी करार दिया था. हालांकि कोर्ट ने कहा था कि उन्होंने जितनी सजा काटी वह काफी है. भगौरा ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी.
भगौरा की याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट जुलाई के दूसरे सप्ताह में सुनवाई करेगा. गौरतलब है कि इसके पहले बॉम्बे हाईकोर्ट बिलकिस बानो केस में 11 आरोपियों की अपील को खारिज करते हुए निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा था. कोर्ट ने उम्रकैद के फैसले को बरकरार रखा. इसके अलावा कोर्ट ने सीबीआई की उस अपील को ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने कुछ आरोपियों को फांसी की सजा देने को कहा था.
क्या है पूरा मामला?
3 मार्च, 2002 को गोधरा दंगों के बाद कुल 17 लोगों ने बिलकिस के परिवार पर अहमदाबाद के रंधिकपुर में हमला किया था. इस दौरान 8 लोगों की हत्या कर दी गई थी, और 6 लोग
फरार थे. बिलकिस बानो उस समय मात्र 19 साल की थी, और 5 माह की गर्भवती थी. उनके साथ गैंगरेप किया गया था. इस घटना में बिलकिस की तीन साल की बेटी और दो दिन का
बच्चे की भी मौत हुई थी.