चीन के कोरोना वायरस का खतरा बना हुआ है. दूसरी तरफ भुवनेश्वर में बर्ड फ्लू की वजह से हड़कंप मचा है. लोगों को फ्लू से बचाने के लिए हजारों मुर्गियों को दफनाने की कवायद शुरू हो गई है. अगले कुछ दिनों में रैपिड रिस्पॉन्स टीम हजारों मुर्गे, मुर्गी और चूजों को जमीन में दफन कर देंगे, ताकी बर्ड फ्लू का वायरस ना फैले.
भुवनेश्वर स्थित कृषि विश्वविद्यालय के पोल्ट्री फॉर्म में बर्ड फ्लू फैलने की खबर के बाद से दहशत फैल गई है. पोल्ट्री फॉर्म में 15000 मुर्गे थे. अधिकारियों ने पोल्ट्री फार्म को सील कर दिया है, जिसमें 15,000 मुर्गे हैं, जिनमें 922 पक्षी, 4631 अंडे, 2357 किलो मुर्गी चारा और अन्य कूड़े सामग्री का निपटान किया गया.
अलर्ट पर आसपास के क्षेत्र
विश्वविद्यालय के एक किलोमीटर के इलाके को खतरनाक घोषित कर दिया गया है. इसके अलावा एक्सपर्ट की टीम यूनिवर्सिटी के आसपास के घरों में पल रही मुर्गियों को भी दहन करेगी. 10 किलोमीटर का दायरा अभी निगरानी में हैं.
मंगलवार को 12 रैपिड रिस्पॉन्स टीम पोल्ट्री फॉर्म पहुंची. 7 टीमें मुर्गियों को दफनाने में लगी है. 5 टीम घर-घर जाकर जांच कर रही है. पोल्ट्री फॉर्म में मुर्गों की रहस्यमयी मौत के बाद सैंपल भोपाल लैब भेजे गए थे, जहां बर्ड फ्लू के संक्रमण की पुष्टि हुई. इसके बाद से भुवनेश्वर में सतर्कता बढ़ गई है. बर्ड फ्लू संक्रमित पक्षियों से इंसानों में फैलता है.
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इस बीच, ओडिशा सरकार ने लोगों को बीमारी और एहतियाती उपायों के बारे में जागरूक करने के लिए एक जागरूकता अभियान शुरू किया है.
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नंदनकानन चिड़ियाघर के अधिकारियों ने एहतियातन अगले आदेश तक बर्ड फ्लू के प्रकोप को देखते हुए 28 जनवरी से पर्यटकों के लिए वॉक-थ्रू एवियरी को बंद करने का फैसला किया है.
ओडिशा में चिलका झील के पास बर्ड फ्लू की आशंका है. पशु चिकित्सा अधिकारियों ने मंगलवार को नालबाना पक्षी अभयारण्य में पंख वाले मेहमान पक्षियों के नमूने एकत्र किए.