पश्चिम बंगाल में एक बार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को हेलिकॉप्टर देने से इनकार कर दिया है. इस बात की जानकारी खुद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट कर दी. हालांकि, कुछ देर बाद ही यह ट्वीट हटा भी दिया गया. कारण कुछ भी हो लेकिन हेलीकॉप्टर को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और राज्यपाल आमने-सामने हैं.
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हटा दिए गए ट्वीट में लिखा था, 'सरकार ने मुर्शिदाबाद जिले में डोमकल की यात्रा के लिए एक बार फिर हेलीकॉप्टर देने से इनकार कर दिया है, इसलिए डोमकल गर्ल्स कॉलेज की बिल्डिंग के उद्धाटन के लिए सड़क मार्ग से ही जाना पड़ेगा. यह यात्रा 500 किलोमीटर की होगी.'

इससे पहले भी ममता सरकार ने राज्यपाल धनखड़ को हेलीकॉप्टर देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद उन्हें 300 किलोमीटर की यात्रा सड़क मार्ग से करनी पड़ी थी. धनखड़ को शुक्रवार को दोपहर 12.20 बजे मुर्शिदाबाद जिले के फरक्का स्थित एस.एन.एच. कॉलेज की रजत जयंती समारोह में पहुंचना था.
Leaving Raj Bhawan by road at 5 am along with the First Lady Smt Sudesh Dhankhar to attend Silver Jubilee Celebration function at the Professor Syed Nurul Hasan College FARAKKA
— Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) November 14, 2019
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा था कि 300 किलोमीटर की दूरी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार से एक हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया था. दुर्भाग्यवश राज्य सरकार ने जो जवाब दिया, वह कोई खास नहीं था. इसलिए हमने राजभवन के माध्यम से इस ओर ध्यान देने का फिर आग्रह किया. कोई जवाब नहीं दिया गया. इस बारे में एक संदेश मुख्यमंत्री को भेजा गया.
इससे पहले राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नदिया जिले के शांतिपुर जाने के लिए एक हेलीकॉप्टर की मांग की थी. राज्य सरकार ने उस समय भी उनके आग्रह को यह कहकर ठुकरा दिया था कि हेलीकॉप्टर का उपयोग चक्रवाती तूफान बुलबुल से हुई तबाही से पीड़ित लोगों के लिए राहत कार्य में किया जा रहा है.
ममता ने बिना नाम लिए किया था हमला
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नाम लिए बिना 'मनोनीत व्यक्ति' कहकर धनखड़ पर हमला किया था और उन पर 'बीजेपी का मुंहनाल (बाजे का वह हिस्सा, जिसे मुंह में लगाया जाए)' की तरह व्यवहार करने और 'समांतर प्रशासन चलाने' का आरोप लगाया था.