बीसीसीआई ने आईपीएल छह में सट्टेबाजी के आरोपों में गिरफ्तार किये गये गुरुनाथ मयप्पन के खिलाफ आरोपों की जांच के लिये हाईकोर्ट के दो सेवानिवृत न्यायधीशों को अपने तीन सदस्यीय जांच आयोग में शामिल किया है.
मयप्पन बोर्ड अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के दामाद हैं. कर्नाटक और मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति टी जयराम चाउता, मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति आर बालासुब्रहमण्यम और बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले आयोग के सदस्य होंगे. आयोग राजस्थान रायल्स के तीन खिलाड़ियों और उनकी फ्रेंचाइजी के साथ साथ चेन्नई सुपरकिंग्स पर लगाये गये आरोपों की भी जांच करेगा.
मयप्पन चेन्नई सुपरकिंग्स के टीम प्रिसिंपल थे. जगदाले ने बयान में कहा, ‘आईपीएल संचालन परिषद ने तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया जिसमें दो स्वतंत्र सदस्य हैं. यह आयोग बीसीसीआई की इन व्यक्तियों या संगठनों के खिलाफ शिकायतों की जांच करेगा. इनमें गुरुनाथ मयप्पन, चेन्नई सुपरकिंग्स फ्रेंचाइजी की मालिक इंडिया सीमेंट लिमिटेड, राजस्थान रायल्स फ्रेंचाइजी की मालिक जयपुर आईपीएल प्रा. लि. शामिल हैं.’
बीसीसीआई सूत्रों ने बताया कि आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला और बोर्ड के उपाध्यक्ष अरुण जेटली ने जांच आयोग का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था जिसके बाद दो जजों को इसमें शामिल किया गया था. शुक्ला और जेटली ने यह फैसला इसलिये किया ताकि जांच पर किसी तरह सवालिया निशान नहीं लगाया जाए.
माना जा रहा है कि शुक्ला और जेटली ने एक सेवानिवृत जज रखने के बजाय दो जजों को शामिल करने की सलाह दी थी. सूत्रों ने दावा किया कि कोलकाता में आईपीएल फाइनल के दिन शुक्ला और जेटली ने श्रीनिवासन को इस्तीफा देने का सुझाव भी दिया था लेकिन उन्होंने इसे सिरे से नामंजूर करके कहा था कि पद छोड़ना उनकी प्रकृति में शामिल नहीं है.
बीसीसीआई विज्ञप्ति में कहा गया है कि आयोग जल्द से जल्द अपनी कार्रवाई शुरू करेगा. इस्तीफे की मांग ठुकराने वाले श्रीनिवासन ने रविवार को घोषणा की थी कि उनके दामाद के खिलाफ लगाये गये आरोपों की जांच के लिये आयोग गठित किया जाएगा.