नोटबंदी को एक साल से ज्यादा वक्त हो गया लेकिन बड़े कैश माफिया अब भी रद्दी हो चुके 500 और 1000 के नोटों को ठिकाने लगाने की फिराक में हैं. वो भी और कहीं नहीं केंद्र सरकार की नाक के ठीक नीचे यानी देश की राजधानी दिल्ली में. इंडिया टुडे की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम की जांच से ये गोरखधंधा बेनकाब हुआ है.
बता दें कि नोटबंदी का एक साल पूरा होने से ठीक एक दिन पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दिल्ली में 36 करोड़ रुपये के अवैध करार हो चुके नोट जब्त किए थे. शक है कि इनका इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों की फंडिंग के लिए किया जाना था. इस सिलसिले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
इंडिया टुडे के अंडर कवर रिपोर्टर्स ने अपनी जांच से पता लगाया कि बड़े कैश माफिया अब भी अवैध नोटों को वैध नोटों में तब्दील करने के गैर-कानूनी धंधे में सक्रिय हो सकते हैं. इसी जांच के दौरान कुछ ऐसे संदिग्ध एजेंट्स को छिपे हुए कैमरे में कैद किया गया जो अवैध करेंसी को उसके असली मूल्य के 12 से 25 फीसदी के बदले लेने को तैयार दिखे. यानी अगर एक लाख रुपये के 500 और 1000 रुपये के पुराने बंद हो चुके नोट दिए जाएं तो उसके बदले 12 से 25 हजार रुपये के नए वैध नोट मिल जाएंगे. जाहिर है कि ये दावा कुछ बैंक कर्मचारियों से साठगांठ होने के बिना नहीं किया जा सकता.
दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के सरिता विहार में कैश वाहक शिवानंद को अंडर कवर रिपोर्टर ने छिपे कैमरे में ये दावा करते हुए कैद किया कि वो 200 करोड़ रुपये तक के बंद किए जा चुके नोटों को वैध नोटों में तब्दील करा सकता है. शिवानंद ने पिकअप और डिलिवरी की सेवा तक की पेशकश की.
शिवानंद ने अंडर कवर रिपोर्टर से कहा कि एक हाथ से दो और दूसरे हाथ से ले लो. ये आपकी जगह से ही उठा ली जाएगी. शिवानंद ने कहा कि हमारा व्यक्ति आपके घर पर जाकर पैसा (बंद हो चुकी करेंसी) चेक करेगा. इसके बाद वो फोन करेगा और एक वैन वहां पहुंचेगी. ये 'हाथ से हाथ' वाला ट्रांसक्शन होगा.
अदला बदली की कीमत पूछे जाने पर शिवानंद ने कहा कि अवैध करेंसी कितनी है, रेट उसके हिसाब से पहले से तय हैं. अगर 25 करोड़ रुपए की अवैध करेंसी बदलनी है तो उसके असल मूल्य के 25 फीसदी के बराबर वैध नोट मिलेंगे. अगर 5 करोड़ रुपये की अवैध करेंसी तब्दील करनी है तो उसके बदले 12 फीसदी वैध नोट मिलेंगे. 5 करोड़ के लिए लगभग 12-13 फीसदी और 25 (करोड़) के लिए 25 फीसदी.
इंडिया टुडे जांच के तहत फिर शिवानंद गैंग के ही दो सदस्यों सोहेल और फहीम तक पहुंचा गया. इन्हें मध्य दिल्ली के किसान घाट पर छिपे कैमरे में कैद किया गया. दोनों ने जोर दिया कि अवैध हो चुकी करेंसी को चेक करने, लेने और तब्दील करने का काम और कोई नहीं बैंक अधिकारी ही करेगा. फहीम ने अंडर कवर रिपोर्टर से कहा कि देखिए हमारा आदमी बैंक से आएगा. वो अपनी पहचान साबित करेगा. हम बाद में अपनी खेप के साथ आएंगे. वो (बैंक अधिकारी) आपका कैश चेक करेगा.
इंडिया टुडे के अंडर कवर रिपोर्टर ने फिर संदिग्ध अधिकारी तक पहुंचने के लिए उसके कार्यस्थल का रुख किया. ये जगह दिल्ली के ओखला इलाके में एक शीर्ष पब्लिक सेक्टर बैंक की शाखा थी. वहां संजय नाम के स्टाफ ने ना सिर्फ करेंसी की अदलाबदली के लिए डील की बल्कि उसने ये खुलासा भी किया कि दिल्ली में बड़ा कैश माफिया काले धन के जमाखोरों से अवैध करेंसी इकट्ठा कर रहा है.
संजय को छुपे कैमरे में ये कहते कैद किया गया कि वो एक दुकान से ऑपरेट करते हैं. वो बंद हो चुकी पुरानी करेंसी को इकट्ठा करते हैं. उन्होंने बड़े पिकअप के टारगेट तय कर रखा है. संजय ने अपनी डेस्क से ही कहा, अभी हाल में शिवानंद ने एक डॉक्टर से 2.37 लाख रुपये के बंद हो चुके नोट लिए. मैंने इस मूल्य के 10 फीसदी पर बदली के लिए इन्हें लिया. ये सब बाजार में हो रहा है.