देश के कई हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ से हालात बदतर हो गए हैं. गुजरात और ओडिशा के कई इलाकों में भारी बारिश के चलते 27 लोगों की मौत हो गई है. दोनों राज्यों में बाढ़ जैसी स्थिति जारी है, जहां राहत व बचाव कार्य के लिए सेना बुला ली गई है.
राजस्थान के कुछ जिलों में भी इस तरह का संकट है. स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के 700 से अधिक कर्मी, तीन हेलीकॉप्टर और 30 नौकाएं तैनात की गई हैं.
गुजरात के बनासकांठा, भुज और अहमदाबाद सहित बाढ़ प्रभावित इलाकों में NDRF की 15 टीमें लगाई गई हैं, जिनमें 510 प्रशिक्षित कर्मी हैं. ये लोग रबड़ की 57 नौकाओं से लैस हैं.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि राजस्थान के झालावाड़, जयपुर, उदयपुर और जालौर में NDRF की छह खोज और राहत टीमें तैनात की गई हैं, जिनमें 228 कर्मी हैं. इन लोगों के पास रबड़ की 30 नौकाएं हैं.
केंद्रीय गृहमंत्री ने की गुजरात सीएम से बात
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को गुजरात की स्थिति के आकलन के लिए राज्य की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल से बात की. उत्तरी गुजरात और कच्छ इलाके के ऊपर गहरे दबाव का क्षेत्र बनने से पिछले दो दिन से हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
लगातार बारिश से बनासकांठा में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जहां 2,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. पिछले 72 घंटे से भी ज्यादा वक्त से बनासकांठा जिला बुरी तरह बाढ़ प्रभावित है. लोग अपनी जान बचान के लिए छतों पर बैठे हैं. ऐसे लोगों के लिए बने फूड पैकेट काफी कारगर साबित हो रहे हैं.
गृह राज्यमंत्री हरिभाई पारथीभाई चौधरी ने गुजरात में बाढ़ जैसी स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री से बात की. गुजरात से ताल्लुक रखने वाले चौधरी ने गुजरात के लिए अधिकतम केंद्रीय सहायता मांगी.
पश्चिम बंगाल में भी स्थिति खराब
राज्य के खाद्य मंत्री तथा स्थानीय विधायक ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा कि बीती रात तूफान से पड़ोसी उत्तरी 24 परगना जिला भी प्रभावित हुआ और हावड़ा निगम क्षेत्र में 100 से ज्यादा झोपड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं.
पंचायत अधिकारियों ने बताया कि बेघर हुए लोगों को एक निर्माणाधीन छात्रावास और स्थानीय फैक्टरियों में शरण दी गई है. बुधवार रात गांवों में तिरपाल और सूखे खाद्यान्न भेजे गए, जबकि गुरुवार को उन्हें पकाया हुआ भोजन दिया जा रहा है.
प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में स्थान दिया गया है. उनकी संख्या ज्ञात नहीं है. मल्लिक ने बताया कि तूफान के कारण रेलवे ट्रैक पर पेड़ उखड़ने से सियालदा-बनगांव रेल मार्ग पर यातायात बाधित है. बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्वी भाग में गहरे विक्षोभ के कारण बहुत भारी बारिश होने की आशंका है.