असम के दौरे पर गए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार बोडो उग्रवाद से कड़ाई से निपटेगी. असम में उग्रवादी हमले में मरने वालों की तादाद बढ़कर 75 हो गई है. हमले के बाद करीब 2500 लोग अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं. असम में फिर खून-खराबा, कौन जिम्मेदार?
कोकराझार और सोनितपुर में घटनास्थल का दौरा करने बाद गुवाहाटी में गृहमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई. बैठक में गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजु, असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, राज्य के डीजीपी और सेना के अधिकारी शामिल हुए.
इस बीच सुरक्षाबल उग्रवादियों की तलाश में जगलों को खंगाल रहे हैं. अरुणाचल प्रदेश पुलिस भी अपनी तरफ से घेराबंदी कर रही है. सुरक्षाबलों के मुताबिक, उग्रवादी हमले के बाद घने जगलों में पनाह लिए हैं. उन्हें वहीं दबोचने की कार्रवाई हो रही है.
पूरे असम में बुधवार को जगह-जगह हमले के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन किया. चाय बगानों में काम करने वाले हजारों मजदूरों ने विरोध में घंटों हाइवे जाम कर दिया. सोनितपुर के चार थाना क्षत्रों में एहतियात के तौर पर कर्फ्यू लगा दिया गया है. उग्रवादियों से निपटने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से अद्धसैनिक बलों की 55 अतिरिक्त कंपनियों की मांग की है.
गौरतलब है कि मंगलवार की शाम नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के उग्रवादियों ने आदिवासियों के गांवों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसमें अब तक करीब 75 लोगों की जान जा चुकी है.