असम में नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजंस (एनआरसी) के पहले प्रारूप में शामिल किए गए करीब डेढ़ लाख लोगों को अंतिम प्रारूप में सम्मिलित नहीं किया जाएगा. क्योंकि इनके सत्यापन प्रक्रिया के दौरान विसंगतियां पाई गई हैं. अंतिम प्रारूप 30 जुलाई को प्रकाशित किया जाना है.
एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के दो जुलाई के आदेश के मुताबिक उन नामों को निकाला जाएगा. उच्चतम न्यायालय असम में अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए एनआरसी को अपडेट करने की प्रक्रिया की निगरानी कर रहा है.
हजेला ने भाषा से कहा कि एनआरसी के पहले प्रारूप में करीब डेढ़ लाख लोगों को शामिल नहीं किया जाएगा. एनआरसी का पहला प्रारूप पिछले साल 31 दिसंबर को प्रकाशित किया गया था जिसमें शामिल 65,694 लोगों को वंशावली (फैमली ट्री) के सत्यापन की प्रक्रिया के दौरान अस्वीकार्य कर दिया गया.
हजेला ने कहा कि यह भी पाया कि 19,783 लोगों को गलती से शामिल कर लिया गया था. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने संवाददाताओं से कहा, 'यह कैसे संभव है कि पहले प्रारूप में डेढ़ लाख विदेशियों को शामिल कर लिया जाए.' कौन अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार हैं. यह साबित करता है कि शुरू से ही एनआरसी का काम ठीक तरीके से नहीं हो रहा है.