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शीतकालीन सत्र में पेश होगा जीएसटी विधेयक, राज्यों के नुकसान की भरपाई पर भी होगी चर्चा

कोल ब्लॉक आवंटन पर सरकार ने अध्यादेश लाने के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश की है. कैबिनेट ने इस पर मुहर भी लगा दी है, वहीं केंद्र सरकार अब वस्तु और सेवा कर यानी जीएसटी लागू करने की ओर कदम बढ़ा रही है. सरकार इसके लिए शीतकालीन सत्र में संविधान संसोधन विधेयक पेश करने वाली है.

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वित्त मंत्री अरुण जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली

कोल ब्लॉक आवंटन पर सरकार ने अध्यादेश लाने के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश की है. कैबिनेट ने इस पर मुहर भी लगा दी है, वहीं केंद्र सरकार अब वस्तु और सेवा कर यानी जीएसटी लागू करने की ओर कदम बढ़ा रही है. सरकार इसके लिए शीतकालीन सत्र में संविधान संसोधन विधेयक पेश करने वाली है.

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को इस बा‍बत जानकारी देते हुए बताया कि सीएसटी को धीरे-धीरे समाप्त करने से राज्यों को आय के होने वाले नुकसान की भरपाई पर भी सरकार का ध्यान केंद्र‍ित है और इस बाबत मुआवजे की पहली किश्त पर भी शीत सत्र में ही चर्चा हो सकती है.

जेटली ने कहा, 'जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने का विश्वास है. सीएसटी मुआवजे की पहली किश्त हस्तांतरण के लिए भी शीत सत्र पर निगाह है.'

गौरतलब है कि राज्यों ने पांच साल के लिए मुआवजे की मांग की है और विधेयक में शामिल करने के लिए कहा है. सरकार ने एक अप्रैल 2016 से जीएसटी लागू करने का प्रस्ताव रखा है.

जीएसटी के तहत केंद्र और राज्यों के स्तर पर ज्यादातर अप्रत्यक्ष करों का विलय हो जाएगा. इससे पहले यूपीए सरकार ने भी जीएसटी के लिए 2011 में एक संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था.

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