सैन्यकर्मियों को यदि छुट्टी न मिले तो वे विवाह के बाद किसी अन्य से भी शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास कर सकते हैं. यही नहीं कई मामलों में वे दुर्व्यव्हार और फ्लर्ट करने में शामिल हो सकते हैं.
जोधपुर स्थित 12 कोनार्क कोर ने ‘रोडमैप टू प्रोमोट डिग्निटी आफ वूमेन एंड केयर फॉर गर्ल चाइल्ड इन आर्मी’ में सिफारिश की है कि ‘पर्याप्त प्रशिक्षण और आत्म अनुशासन के साथ ही नियमित अंतराल पर छुट्टी’ उनमें ‘नकारात्मक व्यवहारों’ का प्रबंधन करने में मदद कर सकती है.
अध्ययन में कहा गया है, ‘सैन्य जीवन की कई विशेषताओं में पत्नी से अलग रहना है. घर जाने में देरी से होना या छुट्टी से इनकार के चलते एक सैनिक शादी के बाद शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास कर सकता है. कुछ मामलों में वे फ्लर्ट और दुर्व्यव्हार भी कर सकते हैं.'
मुख्य तौर पर महिला एवं बालिकाओं के सशक्तिकरण पर जोर देने वाले इस अध्ययन में कहा गया कि सुरक्षा बलों से संबंधित महिलाओं को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करने वालों को ‘कठोर दंड’ दिया जाना चाहिए.
इसमें कहा गया है, 'इकाई के कमांडिंग आफिसर्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि महिला या बालिका को प्रभावित करने वाली किसी भी घटना की रिपोर्ट होनी चाहिए और उल्लंघनकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए और ऐसे लोगों के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जानी चाहिए.'