झारखंड के राज्यपाल एम ओ एच फारूक के निर्देश पर मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा 80 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने के लिए तैयार हैं.
चूंकि विधानसभा का जीर्णोद्धार किया जा रहा है इसलिए इस कार्यक्रम का आयोजन प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान में किया गया है.
विधानसभा अध्यक्ष सी पी सिंह ने कहा, ‘चूंकि राज्य विधानसभा का जीर्णोद्धार किया जा रहा है इसलिए एक दिन का सत्र प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान में सुबह 11 बजे आयोजित किया जाएगा.’
सिंह ने बताया कि 82 सदस्यों वाले सदन की संख्या कांग्रेस विधायक गोपाल नाथ शाहदेव और एंग्लो इंडियन समुदाय के विधायक जे पी गलस्तोन की हाल में मृत्यु के कारण घटकर 80 रह गयी है.
न्यायिक हिरासत में रह रहे इनोस इक्का (झारखंड पार्टी-इक्का), हरिनारायण राय (आईएनडी) और पॉलुस सूरिन (झामुमो) द्वारा स़त्र में भाग लिये जाने के संबंध में सूचना मिलने के बारे में पूछे सवाल के जवाब में अध्यक्ष ने कहा, ‘फिलहाल नहीं.’ इन तीनों में से केवल सूरिन ही मुंडा सरकार को समर्थन कर रहे हैं.
इक्का और राय को सतर्कता विभाग ने एक साल पहले आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया था जबकि सूरिन को नक्सल आरोपों में गिरफ्तार किया गया है. यह सभी नवंबर में आयोजित विधानसभा चुनावों में न्यायिक हिरासत में रहते हुए चुनाव जीते हैं.
मुंडा ने सात सितंबर को सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया था और उन्हें राज्यपाल ने एजेएसयू के अध्यक्ष सुदेश महतो और झामुमो नेता हेमंत सोरेन के साथ शपथ दिलायी थी. राज्यपाल ने मुंडा से एक सप्ताह में अपना बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था.
मुंडा ने राज्यपाल को अपने समर्थन में 45 सदस्यों की सूची सौंपी थी. इनमें भाजपा के 18, झामुमो के 18, एजेएसयू पार्टी के पांच, जद यू के दो और दो निर्दलीय शामिल हैं.
गौरतलब है कि दस साल से भी कम समय में राज्य की यह आठवीं सरकार होगी.
सदन में अन्य पार्टियों की संख्या इस प्रकार है: कांग्रेस- 13, जेवीएम (पी)-11, राजद-5, भाकपा (एमएल-लिबरेशन)-एक और मार्क्सवादी समन्वय समिति- एक, झारखंड पार्टी (इक्का)-एक, झारखंड जनाधिकार मंच- एक और निर्दलीय- दो.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘सत्ताधारी गठबंधन और विपक्षी सदस्यों के बैठने के लिए अलग व्यवस्था की गयी है.’