एक भारत बनाने के लिए सिर्फ तीन एप्पल चाहिए. चौंकिए मत, यह सच है. आईफोन बनाने वाली 'एप्पल' 1 लाख करोड़ डॉलर की मार्केट वैल्यू वाली कंपनी बनने की ओर अग्रसर है. ऐसे में वह न सिर्फ बड़ी-बड़ी कंपनियों, बल्कि कई अर्थव्यवस्थाओं को भी पीछे छोड़ देगी. एप्पल की मार्केट वैल्यू भारत की 2 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था का 37 फीसदी है. यानी एक भारत की बराबरी के लिए सिर्फ तीन एप्पल हैं.

अपने वजूद के शुरुआती 35 साल में एप्पल की मार्केट वैल्यू इतनी नहीं थी, जितनी पिछले तीन साल में बन गई है. 24 अगस्त 2011 में टिम कुक एप्पल के सीईओ बने तब बाजार में उसकी कीमत 348.75 अरब डॉलर थी. लेकिन 25 नवंबर 2014 को एप्पल की मार्केट वैल्यू बढ़कर 736 अरब डॉलर हो गई. कुक ने तीन साल में एप्पल की वैल्यू दोगुनी बना दी है.

एप्पल की मार्केट वैल्यू भारतीय शेयर सूचकांक बीएसई सेंसेक्स की तीस कंपनियों की कीमत 726 अरब डॉलर से भी ज्यादा है. देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी टीसीएस की नेटवर्थ 80 अरब डॉलर है. यानी एक एप्पल, 9 टीसीएस के बराबर है.

एप्पल की मार्केट वैल्यू स्विटजरलैंड की 685 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था से भी ज्यादा है. यह वैल्यू सैमसंग की मार्केट वैल्यू की चार गुना है. कभी एक वक्त ऐसा भी था जब बाजार पर माइक्रोसॉफ्ट का दबदबा हुआ करता था. तब एक माइक्रोसॉफ्ट की वैल्यू 66.6 एप्पल के बराबर थी.