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डॉ. कलाम के भतीजे ने छोड़ी BJP, आवास को मेमोरियल नहीं बनाने से हैं नाराज

पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के भतीजे एपीजे शेख सलीम ने बीजेपी में शामिल होने के दो महीने के भीतर ही पार्टी छोड़ दी है. बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा पूर्व राष्ट्रपति के बंगले को मेमोरियल नहीं बनाए जाने से वह नाराज चल रहे हैं.

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अमित शाह के साथ एपीजे शेख सलीम (फाइल फोटो)
अमित शाह के साथ एपीजे शेख सलीम (फाइल फोटो)

पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के भतीजे एपीजे शेख सलीम ने बीजेपी में शामिल होने के दो महीने के भीतर ही पार्टी छोड़ दी है. बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा पूर्व राष्ट्रपति के बंगले को मेमोरियल नहीं बनाए जाने से वह नाराज चल रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक, सलीम चाहते हैं कि सरकार नई दिल्ली के 10, राजाजी मार्ग स्थि‍त पूर्व राष्ट्रपति के सरकारी आवास को मेमोरियल में बदल दे, जबकि इस बंगले को अब संस्कृति मंत्री महेश शर्मा को आवंटित कर दिया गया है. सलीम लंबे अरसे तक डॉ. कलाम के साथ उक्त बंगले में रह चुके हैं. वह सितंबर में पूर्व राष्ट्रपति के निधन के बाद बीजेपी में शामिल हुए थे.

'जनता की मांग को पूरा नहीं कर पाई पार्टी'
बीजेपी में शामिल होने के दौरान डॉ. कलाम के भाई के बेटे सलीम ने कहा था कि बीजेपी ही एकमात्र पार्टी है जो उनके चाचा के सपनों को पूरा कर सकती है. उन्हें बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था, वहीं अब उन्होंने यह कहते हुए पार्टी छोड़ दी है कि बीजेपी देश की जनता की मांग को पूरा करने में विफल रही है.

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गौरतलब है कि 10, राजाजी मार्ग स्थित डॉ कलाम के दो-मंजिला बंगले को संस्कृति राज्यमंत्री महेश शर्मा को आवंटित किया गया है, जिन्होंने डॉ. कलाम को विवादास्पद तरीके से 'मुस्लिम होने के बावजूद राष्ट्रवादी और मानवतावादी' करार दिया था. सरकार ने यह कहते हुए बंगले के आवंटन को न्यायपूर्ण ठहराया है कि महेश शर्मा पिछले साल सरकार के सत्ता में आने के बाद से एकमात्र मंत्री हैं, जिन्हें अब तक बंगला आवंटित नहीं किया गया था.

केजरीवाल को कलाम के परिवार ने लिखी चिट्ठी
बता दें कि इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के परिवार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी लिखी है. परिवार ने इसके जरिए इच्छा जाहिर की है कि दिल्ली सरकार डॉ. कलाम के सरकारी आवास की लाइब्रेरी और अन्य दूसरी चीजों को नॉलेज सेंटर के रूप में विकसित किया जाए.

दो पन्नों की चिट्ठी में परिवार ने लिखा है‍ कि 10, राजाजी मार्ग, नई दिल्ली स्थि‍त डॉ. कलाम के सरकारी आवास में उनकी पर्सनल लाइब्रेरी, स्टूडेंट्स इंटरेक्शन हॉल और टेक्नोलॉजी रूम छात्रों, शोधकर्ताओं, लोक सेवा की तैयारी कर रहे अभ्यार्थियों और दूसरे लोगों के लिए लाभकारी हो सकता है.

चिट्ठी में परिवार और डॉ. कलाम के लाखों फैंस के ओर से दिल्ली सरकार से यह अपील की गई है कि वह डॉ. कलाम के सरकारी आवास को 'कलाम नेशनल सेंटर फॉर नॉलेज एंड डिस्वरी के रूप में विकसित करें.'

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दिल्ली सरकार पहले ही कर चुकी है मांग
दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी पहले ही राजधानी में पूर्व राष्ट्रपति के बंगले को किसी अन्य को आवंटित करने पर सवाल उठा चुकी है. AAP पहले ही मांग कर चुकी है कि दिवंगत कलाम के बंगले को ज्ञान के केंद्र के रूप में बदल दिया जाना चाहिए.

अक्टूबर महीने में पार्टी ने केंद्र से यह भी अनुरोध किया कि यदि उसके पास कलाम का स्मारक बनाने के लिए आवश्यक संसाधन और स्थान का अभाव हो तो वह पूर्व वैज्ञानिक का समान दिल्ली सरकार को सौंप दे. दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा था कि कलाम के काम को उनके जन्मस्थल रामेश्वरम, तमिलनाडु तक सीमित कर देना और उनके सभी दस्तावेजों, किताबों और वीणा तक को रामेश्वरम भेजना अपमान है.

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