सोमवार सुबह से कई लोगों की निगाहें केवल समाचार चैनलों पर लगी है. ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में सोमवार की सुबह से एक चॉकलेट पार्लर में बंधक बनाए गए लोगों की खबर सुर्खियों में है. कई लोगों की जान एक आतंकी के कारण खतरे में है. बंधक बनाए लोगों में एक भारतीय भी है. आधुनिक उपकरण, हथियार, बेहतर सर्विलांस जैसी तैयारियां, सब के सब यहां बेकार दिख रहे हैं.
एक अकेले आतंकी ने सबको बंदूक की नोक पर नचा रखा है. वहां की सरकार और पुलिस दोनों ही बेबस और लाचार नजर आ रहे हैं. दोपहर में इसी तरह की एक बड़ी खबर बेल्जियम से आई. घेंट शहर में चार हथियार बंद अज्ञात लोगों ने एक अर्पाटमेंट पर कब्जा कर लिया. पुलिस ने अर्पाटमेंट के आस-पास के पूरे इलाके को खाली करा लिया. अभी तक किसी के हताहत होने की कोई खबर नही है. लेकिन हालात गंभीर हैं.
यहां पर एक अहम सवाल खड़ा होता है कि दुनिया के दो बड़े शहरों में एक साथ ये हमला क्या महज इत्तेफाक है या फिर कोई बड़ी साजिश ? आतंकी हमले की जिम्मेदारी अभी तक भले ही किसी संगठन ने नही ली है लेकिन इसके पीछे आईएसआईएस का हाथ होने के कयास सबसे ज्यादा लगाए जा रहे हैं.
इन दोनों घटनाओं के सामने आने के बाद से राजधानी दिल्ली में अलर्ट जारी किया गया है पर यहां सबसे बड़ा सवाल ये है कि हम इस तरह के हमलों के लिये कितने तैयार हैं ? पुलिस ने वीवीआईपी इलाकों और महत्वपूर्ण ठिकानों की सुरक्षा तो बढ़ा दी है लेकिन क्या ये इंतजाम काफी हैं ? अक्सर जब दुनिया के किसी भी बड़े शहर में कोई हमला होता है या कोई आतंकी घटना होती है तभी हमारे देश में अचानक सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट जारी कर अपना काम पूरा कर लेती हैं. लेकिन सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस की ये लापरवाही किसी बड़े हादसे का सबब बन भी सकती है.