सारदा पोंजी घोटाले को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा. शाह ने ममता के सहयोगियों पर घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया.
शाह ने कहा, 'आप (ममता) सारदा घोटाले में 17 लाख निवेशकों के साथ ठगी के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन नहीं कर रही हैं, क्योंकि आपके खुद के सहयोगी और पिट्ठु इसमें शामिल हैं. सारदा घोटाले के पैसे किसके पास गए, हमें इसका जवाब चाहिए.' शाह ने कोलकाता में एक रैली के दौरान कहा, 'हमें किसी का भी डर नहीं है, क्योंकि हमारे कार्यकर्ता किसी घोटाले में शामिल नहीं हैं. चाहे यह सारदा हो या कुछ और. हम गिरफ्तारी का काम करेंगे और दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाएंगे.'
बीजेपी अध्यक्ष ने ममता बनर्जी की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपको भ्रष्टाचार और घोटाले में शामिल अपने कार्यकर्ताओं और सहयोगियों से निपटना होगा. अगर आप ऐसा नहीं कर सकतीं तो कृपया पद छोड़ दें. उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और बंगाल के लोग आपको 2016 के विधानसभा चुनाव में बाहर का रास्ता दिखाएंगे.
सीबीआई पर तृणमूल कांग्रेस की कड़ी नजर
दूसरी ओर, घोटाले की सीबीआई जांच के पीछे बीजेपी की भूमिका को लेकर सशंकित तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को कहा कि वे जांच एजेंसी के हर कदम पर करीबी नजर रख रहे हैं. यह इसलिए कि पता चल सके कि केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी का इसमें कोई प्रभाव है या नहीं.
तृणमूल कांग्रेस के संसदीय दल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, 'करोड़ों रुपये के सारदा घोटाले की जांच के सिलसिले में हम सीबीआई के हर कदम पर करीबी नजर रख रहे हैं ताकि यह देख सकें कि बीजेपी इसके पीछे कोई राजनीति तो नहीं कर रही. सीबीआई पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. किसी राजनीतिक दबाव के बगैर इसे निष्पक्षता से काम करने देना चाहिए. प्रधानमंत्री को सुनिश्चित करना चाहिए कि सीबीआई केंद्र की सत्ता में मौजूद पार्टी के हाथों का मोहरा ना बने.'
बंदोपाध्याय ने आगे कहा, 'सीबीआई को अपनी जांच पूरी करने दीजिए और बगैर किसी प्रभाव या राजनीतिक दबाव के आरोपपत्र दाखिल करने दीजिए. यह बहुत जरूरी है. खासतौर पर ऐसे मौके पर जब बीजेपी अध्यक्ष की राज्य की यात्रा के समय पार्टी के निलंबित सांसद कुणाल घोष इस घोटाले में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को घसीट रहे हैं.'
तृणमूल कांग्रेस नेता ने कहा कि विधानसभा उपचुनाव खत्म होने के बाद तृणमूल के लोकसभा और राज्यसभा के सभी 45 सांसद प्रधानमंत्री से मुलाकात कर जांच में सीबीआई की निष्पक्ष भूमिका की मांग करेंगे. बंदोपाध्याय ने कुणाल घोष के आरोपों के बाबत कहा कि पिछले 10 महीने से जेल में कैद निलंबित सांसद के आरोप की न तो स्वीकार्यता है ना ही इसका कोई कानूनी महत्व है.