समाजवादी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार के सदस्यों की आलोचना करते रहे अमर सिंह ने यादव के पुत्र अखिलेश की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा है कि बड़ा होने के बावजूद परिवार के कुछ लोगों को अखिलेश से सीख लेने की जरूरत है.
अमर सिंह ने अपने ब्लॉग में लिखा है ‘‘अखिलेश बहुत ही सरल स्वभाव के मालिक हैं और तीन बार सांसद बनने के बावजूद राजनीतिक कुटिलता से कोसों दूर हैं. उनमें अपने और पराये में अंतर करने की क्षमता कूट कूट कर भरी है. मुझे लगता है कि बड़ा होने के बावजूद परिवार के कुछ लोगों को अखिलेश से सीख लेने की जरूरत है.’’
अखिलेश से अपने इस व्यक्तित्व को बचा कर रखने की उम्मीद जताते हुए सिंह ने सपा के वर्तमान नेतृत्व पर बदलते समय के अनुरूप खुद को ढाल पाने में अक्षम होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी अपनी पार्टी के समाजवादी पुरोधाओं से अपील है कि वह नए जमाने की जरूरतों को समझें और समाजवाद के बहुमूल्य दर्शन को उसी तरह परिभाषित करें अन्यथा हम अपने राजनीतिक प्रतिद्वन्द्वियों से बहुत पीछे छूट जाएंगे.’’
अबु आज़मी के बेटे फरहान आजमी के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए दुबई से भिवंडी आए सिंह ने पार्टी का नेतृत्व अखिलेश जैसे युवाओं को सौंपने की परोक्ष सलाह देते हुए कहा, ‘‘अखिलेश और फरहान जैसे युवा नेताओं के आगे बढ़ने से देश की राजनीति आगे बढ़ती है.’’ उप्र विधान परिषद चुनावों में सपा के प्रदर्शन पर निराशा जताते हुए अमर सिंह ने व्यंग्य किया, ‘‘मुझे लग रहा था कि मेरे इन चुनावों से दूर रहने पर, (मेरे इस्तीफे से कथित तौर पर खुश) 98 फीसदी पार्टी कार्यकर्ता तन मन से जुट कर कम से कम बलिया, देवरिया और इटावा से तो पार्टी को विजयी बना ही देते. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.’’
उन्होंने लिखा है ‘‘आज उत्तर प्रदेश जल रहा है और जनभावना सत्ताधारी बसपा के खिलाफ है. लेकिन हमारा दल केवल अपनी कमियों की वजह से इसका राजनीतिक लाभ नहीं ले पा रहा है. मुझे उम्मीद है कि इन परिणामों से मेरे दल के कर्ताधर्ता कुछ सीख लेंगे और आने वाले समय में वांछित परिवर्तन कर पार्टी को आगे ले जाएंगे.’’