सपा नेतृत्व से खफा चल रहे अमर सिंह ने गुरुवार को मुलायम सिंह यादव को भी परोक्ष निशाने पर लेते हुए शिकायत की कि पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने सपा प्रमुख की मौजूदगी में उनकी (सिंह) आलोचना की थी.
सिंह ने अपने ताजा ब्लॉग में लिखा है कि यह बात ‘‘सही और यह सत्य’’ है कि रामगोपाल ने उनके खिलाफ दिल्ली और सैफई में टिप्पणियां कीं और दोनों ही अवसर पर सपा प्रमुख मुलायम सिंह उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि उनको इस बात की भी जानकारी है कि मुलायम सिंह की सपा के उन वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक हुई थी जो आज उन पर हमला कर रहे हैं.
सिंह ने कहा लेकिन वह शंकाओं और संदेह के आधार पर ज्यादा क्या कह सकते हैं. अपनी तुलना अपने दोस्तों के हाथों जहर पीने को मजबूर होने वाले यूनानी दार्शनिक सुकरात से करते हुए सिंह ने व्यंग्य किया कि जहर पीने के बाद सुकरात की तो मृत्यु हो गई थी लेकिन इस लिहाज से वह भाग्यशाली रहे. उन्होंने लिखा, ‘‘मैं उस षड्यंत्र का शिकार हूं जिसका ज़हर मुझे पीना है लेकिन खबरदार, मैं सुकरात की मौत नहीं मरूंगा.’’
सिंह ने अपनी बात रखने के लिए ‘‘मदर इंडिया’’ फिल्म के मशहूर गाने की इन पंक्तियों का सहारा लिया, ‘‘दुनिया में हम आये हैं तो जीना ही पड़ेगा, जीवन है अगर ज़हर तो पीना ही पड़ेगा.’’ सिंह के समर्थक भारतीय इस्लामिक छात्र महासंघ के अध्यक्ष मुहम्मद मुस्लिम गाजी की चेतावनी पर अमर ने अपने ब्लाग में यह बाते कही हैं.
गाजी ने सिंह के ब्लाग में भेजी अपनी टिप्पणी में कहा है कि सपा के अनेक वरिष्ठ नेता उनके (सिंह) के खिलाफ ‘‘षडयंत्र’’ रच रहे हैं जिसके प्रति उन्हें सचेत रहना चाहिए. गाजी ने आरोप लगाया कि देश और पार्टी में सिंह के तेजी से बढ़ रहे कद से घबरा कर जनेश्वर मिश्र, ब्रजभूषण तिवारी, रामजीलाल सुमन, मोहन सिंह और इन सबके उपर रामगोपाल यादव उनके खिलाफ आंतरिक बगावत में शामिल है.