आलोक वर्मा को सीबीआई के निदेशक पद से हटाए जाने पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने तंज कसा है. उन्होंने वर्मा को हटाए जाने की आलोचना करते हुए लिखा कि पिंजरे का तोता फिर से पिंजड़े में कैद हो गया है. सीबीआई के लिए 'पिंजरे का तोता' शब्द का इस्तेमाल यूपीए के शासनकाल में सुप्रीम कोर्ट की ओर से किया गया था. इसके बाद कांग्रेस और बीजेपी के तमाम नेताओं ने एक-दूसरी की सरकारों में सीबीआई के राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप लगाते आए हैं.
कपिल सिब्बल ने आलोक वर्मा के निदेशक पद से हटाने पर ट्वीट करते हुए लिखा, 'आलोक वर्मा को हटाकर कमेटी ने पक्का कर दिया है कि पिंजरे का तोता अपनी आवाज से सत्ता के गलियारों का सुर बिगाड़ सकता था. इसी वजह से पिंजरे के तोते को फिर से पिंजड़े में भेजा गया.' गुरुवार को ही प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कमेटी ने वर्मा को सीबीआई के निदेशक पद से हटाकर फायर सर्विसेज एंड होम गार्ड विभाग का महानिदेशक नियुक्त किया है.
Alok Verma's removal
The Committee ensured the caged parrot did not fly away fearing the parrot might spill the beans by parroting the goings on in the corridors of power
The caged parrot will remain caged
— Kapil Sibal (@KapilSibal) January 11, 2019
कमेटी के इस फैसले पर उसी समिति के सदस्य और कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सवाल उठाए हैं. हांलाकि इसके बाद भी कमेटी ने 2-1 से वर्मा को हटाने के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी. इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद पर बहाल कर दिया था. आलोक वर्मा को सीवीसी की सिफारिश पर सरकार ने करीब दो महीने पहले जबरन छुट्टी पर भेज दिया था.
आलोक वर्मा को सीबीआई प्रमुख के पद से हटाए जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया था. उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा, 'अब मिस्टर मोदी के दिमाग में डर बैठ गया है. वह नींद नहीं ले सकते हैं. उन्होंने वायुसेना के 30 हजार करोड़ रुपये चुराए और अनिल अंबानी को दे दिया. सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को दूसरी बार बर्खास्त करना यह साफ दिखाता है कि वो अब अपने ही झूठ के शिकार हो गए हैं.'
सीबीआई के दो वरिष्ठतम अधिकारियों के बीच अधिकारों की लड़ाई पर राजनीति भी खूब हो रही है. अालोक वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद दोनों को छुट्टी पर भेज दिया गया था. बुधवार को आलोक वर्मा ने दोबारा सीबीआई निदेशक का पदभार संभालते ही एम नागेश्वर राव द्वारा किए गए ज्यादातर तबादले रद्द कर दिए थे. नागेश्वर राव को आलोक वर्मा की गैर मौजूदगी में अंतरिम सीबीआई प्रमुख नियुक्त किया गया था.