दिल्ली के इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की कमान अजय माकन के हाथ थी. पार्टी का तो सूपड़ा ही साफ हो गया . अब अजय माकन को चिंता हो है. उनका राजनीतिक भविष्य क्या होगा?
1. दिल्ली चुनाव में भले ही पार्टी बुरी तरह हार गई हो. लेकिन अजय माकन ने वरिष्ठ नेता होने के बावजूद विधानसभा चुनाव लड़ने और लड़ाने का साहस किया. उनके इस कदम से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी की नजर में उनका कद और बढ़ेगा.
2. दरअसल अजय माकन को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है. राहुल खुद भी यही चाहते थे कि शीला के बाद अजय को दिल्ली में कांग्रेस का चेहरा बनाया जाए. हुआ भी ऐसा ही. ना किसी दूसरे नेता ने दावेदारी की और ना ही दिल्ली चुनाव के प्रति खास रुचि दिखाई.
3. कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता दिल्ली चुनाव से बचते रहे. अजय माकन ने आलाकमान के फरमान को अमल में लाया. चुनाव में जोश भी दिखाया. जिसकी वजह से स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच उनकी स्थिति और मजबूत होगी.
4. पर इन सबके बावजूद दिल्ली में सबकुछ गंवा देने का सेहरा भी अजय माकन के सर बंधेगा. कांग्रेस को पिछले चुनाव में तो आठ सीटें मिल गईं थी. लेकिन इस बार पूरी तरह सफाया हो गया. जो था उसे बचाने में भी कांग्रेस नाकाम हो गई. अजय माकन को कांग्रेस की इस बुरी हार के लिए भी जाना जाएगा.