scorecardresearch
 

EXCLUSIVE: एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में CBI निदेशक ने दिखाई दयानिधि मारन पर मेहरबानी!

एयरसेल-मैक्सिस डील पर सीबीआई की भूमिका को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. आरोप है कि सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्‍हा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन के खिलाफ सबूतों की अनदेखी की. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 27 जून को इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.

Advertisement
X
तोते की विश्‍वसनीयता फिर संदेह के घेरे में
तोते की विश्‍वसनीयता फिर संदेह के घेरे में

एयरसेल-मैक्सिस डील पर सीबीआई की भूमिका को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. आरोप है कि सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्‍हा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन के खिलाफ सबूतों की अनदेखी की. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 27 जून को इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.

अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा है कि दयानिधि मारन के खिलाफ पर्याप्‍त सबूत हैं. ऐसे में उनके खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए. अब पीएमओ ने मारन के खिलाफ दोबारा फाइल खोलने के आदेश दिए हैं.

दरअसल, पहली बार मोदी सरकार एक ऐसी फाइल खोल रही है, जिसे बंद करने की बात सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा ने की थी. मोदी सरकार को लग रहा है कि मनमोहन सरकार के दौर में मंत्री को बचाने के लिए सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्‍हा ने अपने ही अधिकारियों की जांच के उलट नोट लिखे.

मामला एयरसेल-मैक्सिम डील के जरिए करोड़ों के हेरफेर का है. तब संचार मंत्री दयानिधि मारन के खिलाफ जांच रोकी गई थी.

मोदी सरकार के रुख ने सीबीआई डायरेक्टर के उस नोट पर सवाल खड़ा कर दिया है, जिन्‍होंने सीबीआई जांच टीम के उलट नोट लिखे. सवाल यह भी खड़ा हो गया है कि आखिर सीबीआई डायरेक्टर मारन को क्‍यों बचा रहे थे.

Advertisement

सीबीआई निदेशक की राय खारिज करते हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि जांच एजेंसी के पास पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन व उनके भाई कलानिधि मारन के खिलाफ एयरसेल-मैक्सिस सौदे में आरोप पत्र दायर करने को पर्याप्त सबूत हैं. हालांकि, सीबीआई सूत्रों ने कहा है कि एजेंसी को अभी तक अटार्नी जनरल की राय नहीं मिली है और एजेंसी इस मामले में उनकी राय के अनुसार चलेगी.

अटॉर्नी जनरल से मांगी गई थी राय
मारन बंधुओं पर आरोपपत्र को लेकर जांच टीम व सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा के अलग-अलग विचारों की वजह से यह मामला अटॉर्नी जनरल के पास भेजा गया था. जहां जांच टीम का मानना था कि मारन बंधुओं की भूमिका के बारे में पर्याप्त सबूत हैं, वहीं सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा की इस पर अलग राय थी.

Advertisement
Advertisement