scorecardresearch
 

पर्सनल लॉ में बदलाव पर AIMPLB करेगा लॉ कमीशन से मुलाकात

लॉ कमीशन आयोग के चेयरमैन जस्टिस बीएस चौहान का कार्यकाल अगस्त में खत्म हो रहा है, ऐसे में इस गंभीर मामले पर इसी महीने रिपोर्ट जारी होने की उम्मीद है.

Advertisement
X
जस्टिस बीएस चौहान का कार्यकाल अगस्त में खत्म हो रहा है
जस्टिस बीएस चौहान का कार्यकाल अगस्त में खत्म हो रहा है

पर्सनल लॉ में बदलाव को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) का प्रतिनिधिमंडल आज लॉ कमीशन चेयरमैन जस्टिस बी एस चौहान से मुलाकात करेगा.  मुलाकात के बाद दोपहर 3 बजे मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रतिनिधि प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. इस प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में बोर्ड के प्रतिनिधि बताएंगे कि किन मुद्दों पर क्या बात हुई. इसके अलावा जो प्रश्नावली आयोग ने जारी की थी उसपर बोर्ड के पक्ष की भी जानकारी दी जाएगी.

दरअसल, लॉ कमीशन ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से कुछ प्रश्नो पर जवाब मांगा था. लॉ कमीशन ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से पूछा था कि इस्लाम में बच्चा गोद लेने और संपत्ति में बंटवारा मांगने की मनाही का आधार क्या है?  लॉ कमीशन ने बोर्ड से ये भी पूछा था कि क्या इसमें बदलाव हो सकता है? अगर बदलाव हो सकता है तो वो बदलाव क्या और कैसे हो सकता है.

Advertisement

लॉ कमीशन ने समान नागरिक संहिता पर विचार विमर्श के लिए आयोग से मिलने आए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रतिनिधि मंडल के सामने ये सवाल रखे. बोर्ड से इन मुद्दों पर जवाब और  सुझाव देने को कहा था. फिलहाल लॉ कमीशन समान नागरिक संहिता के स्वरूप और सम्भावना पर विचार कर रहा है.

बता दें कि हाल ही में शरिया कोर्ट को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने दिल्ली में बैठक की. बैठक में 10 दारुल कजा (शरिया कोर्ट) के प्रस्ताव आए थे, जिन्हें बोर्ड ने मंजूरी दे दी है. जल्द ही इनका गठन किया जाएगा.  मुस्लिम पर्सनल बोर्ड का विचार है कि पूरे देश में हर जिले में दारुल कजा बनाई जाएगी. बोर्ड का तर्क है कि मुसलमानों से जुड़े कुछ मामले दारुल कजा के जरिए सुलझा लिए जाते हैं. ऐसी स्थिति में कोर्ट जाने की जरूरत नहीं पड़ती है.

Advertisement
Advertisement