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आजतक के हाथ लगी लड़कियों को बहलाकर आसाराम के पास भेजने वाली शिल्पी की तस्वीर

आसाराम मामले में आज तक ने एक और खुलासा किया है. इस बार आज तक के हाथ लगी है आसाराम के गुनाहों की राजदार शिल्पी की तस्वीर. इस बात से भी पर्दा उठा है कि फरार वॉर्डन शिल्पी का असली नाम संचिता गुप्ता है. उसके महाराष्ट्र में छिपे होने की खबर है.

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शिल्पी, जिसका असली नाम है संचिता गुप्ता
शिल्पी, जिसका असली नाम है संचिता गुप्ता

आसाराम मामले में आज तक ने एक और खुलासा किया है. इस बार आज तक के हाथ लगी है आसाराम के गुनाहों की राजदार शिल्पी की तस्वीर. इस बात से भी पर्दा उठा है कि फरार वॉर्डन शिल्पी का असली नाम संचिता गुप्ता है. उसके महाराष्ट्र में छिपे होने की खबर है.

बताया जा रहा है कि मामले में फरार अभियुक्त शिल्पी ने ही पीड़ित को भूत-प्रेत के नाम पर बहलाया था. और फिर तंत्र-मंत्र के जरिए इलाज के लिए उसे आसाराम के पास भेजा था.

जांच में नए-नए खुलासों से आसाराम पर भी कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है. यह भी कहा जाने लगा है कि ये मामला सेक्स रैकेट का हो सकता है.

शिल्पी के अलावा पुलिस आसाराम के रसोइए प्रकाश की खोज में भी लगी हुई. वह भी लापता है. वह वारदात की रात का अहम गवाह साबित हो सकता है. इसके अलावा अहमदाबाद आश्रम में मौजूद सीडी की तलाश की जा रही है.

शिवा से पूछताछ में हैरान करने वाले खुलासे

शिवा से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि नाबालिग लड़की के उत्पीड़न में आसाराम और उनके सहयोगियों ने एक गिरोह की तरह काम किया है. पुलिस के मुताबिक आसाराम ने सोच समझकर साजिश रची थी. वारदात से 10 दिन पहले शिल्पी, शिवा और शरतचंद में लगातार फोन पर बात होती रही थी. कॉल डीटेल्स से खुलासा हुआ है कि 5 से 15 अगस्त तक चारों आरोपियों के बीच लगातार बात हुई. इसके अलावा शिवा ने पुलिस के सामने कबूला है कि ध्यान की कुटिया में बाबा महिलाओं से एकांत में मिलते थे.

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