कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा भ्रष्टाचार के आरोपों में अपने खिलाफ अभियोग चलाने की अनुमति देने के राज्यपाल हंसराज भारद्वाज के फैसले पर रोक लगाने की मांग को लेकर आज उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों ने बताया कि कई वकीलों और विधि विशेषज्ञों ने करीब 93 दस्तावेजों का अवलोकन किया जिसके आधार पर राज्यपाल ने गत 21 जनवरी को येदियुरप्पा के खिलाफ अभियोग चलाने की अनुमति दी.
सूत्रों ने बताया कि येदियुरप्पा का प्रसिद्ध विधि विशेषज्ञ राम जेठमलानी भी मार्गदर्शन कर रहे हैं. उनके अदालत में मुख्यमंत्री की ओर से पेश होने की भी उम्मीद है.
अधिवक्ता सिरजिन बाशा और के एन बलराज ने शहर की एक अदालत में दो फौजदारी याचिकाएं दायर की थीं. इन्हीं दो वकीलों की याचिकाओं पर राज्यपाल ने येदियुरप्पा के खिलाफ अभियोग चलाने की अनुमति दी थी.
सूत्रों ने हालांकि यह नहीं कहा कि क्या येदियुरप्पा इन शिकायतों पर कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए भी प्रार्थना करेंगे. राज्यपाल के अनुमति देने से येदियुरप्पा भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर अभियोग का सामना करने वाले पहले मुख्यमंत्री होंगे.
राज्य मंत्रिमंडल के 19 जनवरी के प्रस्ताव को खारिज करते हुए भारद्वाज ने येदियुरप्पा के खिलाफ अभियोग चलाने की अनुमति दे दी थी. राज्यपाल के इस कदम को भाजपा ने संवैधानिक तौर पर ‘अनुचित’ और ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया था. येदियुरप्पा ने अपने इस्तीफे की संभावना से इंकार किया था. वह अपनी सरकार पर मंडरा रहे राजनैतिक संकट और इस हालात से निपटने के लिए भावी रणनीति पर पार्टी के शीर्ष नेताओं से विचार-विमर्श करने के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं.
दोनों अधिवक्ता कल अतिरिक्त नगर दीवानी न्यायाधीश सी हिप्पारगी के समक्ष कल येदियुरप्पा के खिलाफ 12 अतिरिक्त आरोपों को लेकर चार और शिकायतें दायर कर सकते हैं.