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महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार प्रतिबद्धः मनमोहन

महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने वाले विधेयक के लिए सभी सांसदों का समर्थन मांगने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है.

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महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने वाले विधेयक के लिए सभी सांसदों का समर्थन मांगने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है.

महिला लीडरशिप शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए सिंह ने यहां कहा कि सरकार महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने की दिशा में बढ रही है. उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है.

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और भाजपा ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर महिला आरक्षण विधेयक के समर्थन का आदेश दिया, वहीं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कल संसद में सभी सदस्यों से दलगत राजनीति से उपर उठकर विधेयक का समर्थन करने की अपील की. सिंह ने कहा कि स्थानीय निकायों में महिलाओं के आरक्षण ने जमीनी स्तर पर शासन को क्रान्तिकारी रूप से बदल दिया. अब हम लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की दिशा में आगे बढ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर महिलाओं और पुरूषों में असमानता कामकाज में महिलाओं की 25.7 प्रतिशत हिस्सेदारी से साफ झलकती है जबकि पुरूषों के मामले में यह आंकडा 51 प्रतिशत है.

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उन्होंने कहा कि इन मोचरे पर प्रगति अपेक्षाकृत धीमी है. ‘हमारे देश ने आर्थिक विकास के मामले में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन यह विकास तभी सार्थक होगा, जब इससे समाज के हर वर्ग विशेषकर वंचित तबके के लोगों को फायदा मिले. इसी वजह से हम समावेशी, सामाजिक एवं आर्थिक विकास पर जोर देते हैं. समावेशीकरण के हमारे प्रयासों में विशेष ध्यान महिलाओं पर है.

{mospagebreak}कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मौके पर अपने संदेश में कहा कि देश के ग्रामीण इलाकों में अभी महिलाओं को अपेक्षित अवसर प्राप्त नहीं हुए हैं. ‘ग्रामीण भारत की हमारी बहनों को ऐसे अवसर प्रदान करने की आवश्यकता है.’ सोनिया के संदेश को महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने पढ़ा. सम्मेलन में मौजूद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि भारतीय परंपरा महिलाओं को भगवान से भी उपर का दर्जा प्रदान करती है लेकिन समाज में स्थिति एकदम उलट है.

उन्होंने कहा कि महिलाएं घर के सभी कामकाज निपटाती हैं लेकिन जीडीपी में उनके योगदान पर विचार नहीं किया जाता है. मौजूदा शैक्षिक प्रणाली की समीक्षा की आवश्यकता है क्योंकि शैक्षिक समाज में भी दहेज जैसी समस्याएं मौजूद हैं.

उन्होंने कहा कि श्रमबल में महिलाओं का अनुपात आबादी के अनुपात के अनुरूप नहीं है. महिलाओं के विकास के लिए पंचायतों में एक तिहाई फंड आवंटित करने के विशेष प्रयास हो रहे हैं. उन्होंने महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए कानून बनाने का समर्थन किया.

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तीन दिवसीय सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आयोजित हो रहा है, जिसमें सभी क्षेत्रों की प्रतिष्ठित महिलाएं शामिल होंगी. इस मौके पर कृष्णा ने अपने अपने क्षेत्र में नाम कमाने वाली महिलाओं फिल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर, राजनेता एवं समाजसेवी मोहसिना किदवई, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष मोहिनी गिरि, नृत्यांगना यामिनी कृष्णमूर्ति, पर्वतारोही संतोष यादव और मीडिया हस्ती इंदु जैन को सम्मानित किया.

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