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स्पीक एशिया को क्यों बचाना चाहती है सरकार: सोमैया

ऑनलाइन सर्वेक्षण समूह ‘स्पीक एशिया’ पर अपने लाखों भारतीय सदस्यों को गुमराह करने का आरोप दोहराते हुए भाजपा के राष्ट्रीय सचिव किरीट सोमैया ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने कथित घोटालेबाज कम्पनी के खिलाफ हफ्ते भर में ठोस कार्रवाई नहीं की तो उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा.

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ऑनलाइन सर्वेक्षण समूह ‘स्पीक एशिया’ पर अपने लाखों भारतीय सदस्यों को गुमराह करने का आरोप दोहराते हुए भाजपा के राष्ट्रीय सचिव किरीट सोमैया ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने कथित घोटालेबाज कम्पनी के खिलाफ हफ्ते भर में ठोस कार्रवाई नहीं की तो उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा.

सोमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘स्पीक एशिया पांच हजार करोड़ रुपये के कारोबार का दावा करती है और उसका फर्जीवाड़ा तेजी से बढ़ रहा है. कम्पनी ने देश के लाखों निवेशकों को अपने ग्राहकों के बारे में गलत जानकारी दी और जाल में फंसाया.’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें आशंका है कि पिछले दिनों में स्पीक एशिया के जिन तीन.चार अधिकारियों के नाम सामने आये हैं, वे विदेश भाग सकते हैं और कम्पनी के सदस्यों की जमा करायी राशि फ्रेंचाइजी के खातों से लंदन और सिंगापुर के बैंकों में स्थानांतरित हो सकती है.’

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भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि पिछले एक हफ्ते के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के अलग.अलग विभागों को स्पीक एशिया के कथित फर्जीवाड़े के बारे में जानकारी दी है. लेकिन सरकार अब तक इस मामले में चुप है.

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार स्पीक एशिया को क्यों बचाना चाहती है. क्या सरकार इसलिये स्पीक एशिया प्रकरण में ढिलाई बरत रही है कि इसमें पार्टी के नेताओं या किसी मंत्री की कोई भूमिका है.’ उन्होंने दावा किया कि स्पीक एशिया की तर्ज पर देश में करीब डेढ़ दर्जन ऑनलाइन कम्पनियां अलग.अलग नाम से कारोबार कर रही हैं.

सोमैया के मुताबिक इन ऑनलाइन कंपनियों का कथित घोटाला आठ हजार करोड़ रुपये का है. लेकिन वित्त मंत्रालय, कंपनी मामलों का मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक जैसे नियामक संस्थान इससे अनभिज्ञ बने हुए हैं.

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