प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध और आयात शुल्क मुक्त कर दिये जाने के बाद देश के महानगरों में खुदरा बाजार में प्याज के दाम 10 रुपये तक घटकर 60 से 70 रुपये किलो रह गये. इसके साथ ही सरकार ने उम्मीद जताई है कि स्थिति में तेजी से सुधार आयेगा.
पिछले एक महीने से तेजी से बढती प्याज की कीमतों का असर खाद्य मुद्रास्फीति पर भी महसूस किया गया. खाद्य मुद्रास्फीति गत 11 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में उछलकर 12.13 प्रतिशत पर पहुंच गई. तीन सप्ताह एक अंक में रहने के बाद खाद्य मुद्रास्फीति फिर से दहाई अंक में आ गई.
मुद्रास्फीति के आंकडों के मुताबिक प्याज के दाम में पिछले साल के आलोच्य सप्ताह की तुलना में 33.48 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की गई. एक सप्ताह पहले की तुलना में यह साढे चार प्रतिशत चढ गये.
बहरहाल, कैबिनेट सचिव के.एम. चंद्रशेखर की अध्यक्षता में सचिवों की समिति ने आज प्याज के दाम की समीक्षा की और रेलवे से कहा है कि वह प्याज के उत्पादक क्षेत्रों से कमी वाले क्षेत्रों में परिवहन के लिये अतिरिक्त रैक उपलब्ध कराये.