भाजपा और वामपंथी दलों द्वारा विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर लाए जाने वाले कटौती प्रस्तावों का सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे सपा, राजद और बसपा द्वारा समर्थन नहीं किए जाने का संकेत दिए जाने के बाद लोकसभा में मंगलवार को संभावित शक्ति परीक्षण में संप्रग सरकार को अब कोई खतरा नहीं रह गया है.
सपा और राजद की सरकार को अस्थिर नहीं करने के संकेत देने के बाद अब 21 सदस्यीय बसपा ने भी सरकार के साथ खड़ा होने का ऐलान किया है. उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने लखनऊ में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘कटौती प्रस्ताव के मुद्दे पर हम केन्द्र सरकार को समर्थन देंगे.’
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे चार सदस्यीय राजद तथा 21 सदस्यीय सपा पहले ही कह चुके हैं कि वे सरकार को अस्थिर करने के खिलाफ हैं. मायावती का यह बयान अनुदान मांगों पर कटौती प्रस्तावों से पूर्व संप्रग सरकार के लिए अच्छी खबर लेकर आया है.
लोकसभा में मंगलवार शाम छह बजे अनुदान मांगों पर गिलोटीन यानी विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की अनुदानों मांगों को एक साथ बिना बहस के पारित कराने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. दिल्ली में बसपा संसदीय दल की बैठक के साथ ही मायावती ने यह घोषणा की है. संसदीय दल की बैठक में कहा गया था कि पार्टी सुप्रीमो इस बारे में कोई फैसला लेंगी. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा ‘हमें पूरा विश्वास है कि सभी कटौती प्रस्ताव निश्चित रूप से नामंजूर हो जाएंगे.’