झारखंड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि वह जर्मनी की अपनी हालिया यात्रा में यह जानकर आश्चर्यचकित रह गये कि वहां छात्रों को 1600 प्रकार के व्यावसायिक प्रशिक्षण दिये जा रहे हैं और अब वहां के अनुभव के आधार पर राज्य में कक्षा आठ में ही नये व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रारम्भ करने के प्रयास किये जायेंगे.
उन्होंने कहा कि झारखंड में महज तीस ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. मुंडा ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि जर्मनी के एक अधिकारी ने उन्हें एक बैठक के दौरान जब यह बताया कि उनके यहां सोलह सौ प्रकार के व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं तो उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा .
उन्होंने कहा कि झारखंड में इसके विपरीत महज तीस के लगभग ऐसे व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं .
मुंडा ने कहा कि वह अपने विशेषज्ञों से इस बारे में विचार विमर्श कर रहे हैं कि केन्द्र सरकार की योजनाओं के तहत नये व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम झारखंड में कक्षा आठ से ही कैसे प्रारम्भ किए जा सकते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कक्षा आठ में इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों को शामिल कर लिये जाने से राज्य के छात्र और छात्राएं कक्षा बारह पास करने तक किसी न किसी व्यवसाय में पारंगत हो जायेंगे. उन्होंने कहा कि भारत.जर्मनी सहयोग के तहत झारखंड को विभिन्न क्षेत्रों में जर्मन विशेषज्ञता कैसे प्राप्त हो सकती है इस बारे में वह केन्द्र सरकार से बातचीत करेंगे.
उन्होंने कहा कि झारखंड में मानव संसाधन उपलब्ध है और प्राकृतिक संसाधन भी प्रचुर मात्रा में है लेकिन यहां प्रशिक्षित लोगों की कमी है और इसके लिए ही हम जर्मन विशेषज्ञता का उपयोग करना चाहते हैं.