2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के मामले पर उच्चतम न्यायालय में जारी मौजूदा कानूनी लड़ाई के बारे में सरकार का कहना है कि 'दूरसंचार कंपनियों में लड़ाई मची है.'
अतिरिक्त सालिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह ने न्यायालय में कहा, 'इस क्षेत्र की सेवाप्रदाता फर्मों में एक तरह का युद्ध चल रहा है. उनमें से कुछ सरकारी नीति (2जी स्पेक्ट्रम) का समर्थन कर रही हैं तो कुछ इसके विरोध में हैं.'
न्यायाधीश जी एस सिंघवी तथा न्यायाधीश एके गांगुली की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. जयसिंह चाहती थीं कि न्यायालय अन्य सभी पक्षों का पक्ष सुनने के बाद सरकार की ओर से दलील पेश करने की अनुमति दे.
हालांकि न्यायालय ने इस तर्क को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस मामले में महत्वपूर्ण पहलू नीति से जुड़ा है और सरकार को अपना पक्ष पहले रखना चाहिए ताकि इस पहलू पर उसका रवैया स्पष्ट हो.
जयसिंह का कहना था, 'कई कंपनियां सरकारी नीति के पक्ष में होंगी तो कुछ इसका विरोध करेंगी. अच्छा हो अगर कंपनियों का पक्ष सुनने के बाद सरकार का पक्ष सुना जाए.' न्यायालय ने कहा, 'सभी कंपनियां आपकी नीति से लाभान्वित हैं. इसलिए, कोई भी आपका (सरकार का) विरोध नहीं करेगी.'