रतन टाटा के अनुसार टेलीकॉम क्षेत्र में कई गड़बड़ियां भाजपा शासन के दौरान हुईं. टाटा ने कहा कि हाल की टेलीकॉम नीति ने उस मजबूत गठजोड़ को तोड़ दिया जो प्रतिस्पर्धा में बाधक और नीतियों के कार्यान्वयन में देरी का कारण था.
टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा ने राज्यसभा के बीजेपी सांसद राजीव चंद्रशेखर को एक खुला पत्र लिखा. इस पत्र में रतन टाटा ने राजीव चन्द्रशेखर से कहा, ‘राजनीतिक पार्टियों से आपके संबंध जगजाहिर हैं, राजनैतिक महत्वाकांक्षा और उसकी भागदौड़ प्रधानमंत्री और उनकी सत्ताधीन पार्टी को उलझन में डाल देती है.’
टाटा ने कहा कि चंद्रशेखर का पत्र राजनीति से प्रेरित है और प्रधानमंत्री को शर्मिंदा करने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर के मीरा राडिया से भी संबंध है.
उन्होंने कहा, ‘केन्द्रीय महालेखा परीक्षक (कैग) वर्ष 2004-2008 के बीच जारी किये गये जीएसएम के 48 नये लाइसेंस एवं 65 मेगाहट्ज वाले अतिरिक्त स्पेक्ट्रम के किसी भी प्रकार के मूल्यांकन के लिये जिम्मेदार नहीं है.’
टाटा ने कहा कि टीडीएसएल को पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा अथवा इससे पहले अन्य किसी मंत्री ने किसी तरह का कोई फायदा नहीं पहुंचाया. उन्होंने कहा कि वो 2जी स्पेक्ट्रम की जांच के पक्ष में हैं और उन्हें जांच की अवधि को बढ़ाकर 2001 से किये जाने का पूरा भरोसा है.