2 जी स्पेक्ट्रम केस की जांच कर रही सीबीआई को बड़ा झटका लगा है. 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस के आवंटन से जुड़े सवालों का जो जवाब ट्राई ने सीबीआई को दिया है, उससे केस मजूबत होने के बजाए कमजोर ही होगा. सीबीआई को 7 महीने बाद सभी सवालों के जवाब मिले लेकिन इनमें 3 जवाब सीबीआई को वाकई निराश करने वाले हैं.
ट्राई का पहला जवाब हैः 2जी केस में हुए नुकसान का अनुमान लगाना मुमकिन नहीं है.
गौरतलब है कि 2जी स्पेक्ट्रम के लाइसेंस के आवंटन में करीब 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपये के नुकसान का आंकलन सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में किया है.
ट्राई का दूसरा अहम जवाब हैः ट्राई ने 2स्पेक्ट्रम केस में नीलामी की सिफारिश नहीं की.
2जी केस में अब तक ये सवाल गंभीरता से उठते रहे हैं कि लाइसेंस के आवंटन के लिए नीलामी की प्रक्रिया क्यों नहीं अपनाई गई. पहले आओ पहले पाओ की नीति क्यों अपनाई गई.
ट्राई का तीसरा अहम जवाब हैः 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए जो लाइसेंस की कीमत 1659 करोड़ रुपये रखी गई वो नीति का हिस्सा थी.