सचिवों की समिति ने बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सिफारिश की. साथ ही यह शर्त भी जोड़ाने की सिफारिश की है कि साझा कंपनी में विदेशी निवेशक को कम से कम 10 करोड़ डालर का निवेश करने की शर्त लागू की जाए.
एक सूत्र ने कहा, ‘सचिवों की समिति की कैबिनेट सचिव अजित कुमार सेठ की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह भी निर्णय किया गया कि खुदरा श्रृंखला चलाने वाली विदेशी कंपनियों को अपने पूंजी निवेश का कम से कम आधा हिस्सा आपूर्ति श्रृंखला की पीछे की कड़ियों में लगाना होगा.’
पीछे की कड़ियों से मतलब कोल्ड चेन और अन्य बुनियादी सुविधाओं से लगाया जाता है. सूत्र ने कहा कि राजनीतिक तौर पर संवेदनशील इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट के पास ले जाया जाएगा. वालमार्ट जैसी कई वैश्विक खुदरा कंपनियां भारत के बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में पूर्ण रूप से पैर पसारने की प्रतीक्षा करती रही हैं.
भारत का खुदरा क्षेत्र करीब 590 अरब डालर का होने का अनुमान है जिसमें छोटे किराना दुकानदारों का वर्चस्व है. खुदरा बाजार में कंपनियों का हिस्सा अभी 15 प्रतिशत के आसपास है.
उल्लेखनीय है कि भारत पहले ही एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दे चुका है, जबकि थोक कारोबार में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है. अधिकारी ने कहा, ‘इस मुद्दे पर सचिवों की समिति की संभवत: यह आखिरी बैठक है.’
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