उत्तर प्रदेश सरकार ने यू.जी.सी. द्वारा फर्जी घोषित राज्य के नौ विश्वविद्यालयों की जांच राज्य पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) को सौंप दी है और उसे तीन महीने में जांच पूरी करके अपनी रिपोर्ट देने को कहा है.
राज्य पुलिस मुख्यालय प्रवक्ता ने बताया कि यूजीसी ने लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर, इलाहाबाद, अलीगढ़, मथुरा तथा प्रतापगढ़ जिलों में चल रहे नौ विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित कर दिया है, जिनकी जांच एसआईटी को सौंप दी गयी है.
उन्होंने बताया है कि जिन विश्वविद्यालयों की जांच होनी है उनमें लखनऊ स्थित इंडियन एजुकेशन काउंसिल आफ यूपी, नोएडा (गौतमबुद्धनगर) स्थित इन्द्रप्रस्थ शिक्षा परिषद, कानपुर स्थित नेशनल यूनिवर्सिटी आफ इलेक्ट्रो काम्पलेक्स होमियोपैथिक, प्रयाग (इलाहाबाद) स्थित महिला ग्राम विद्यापीठ विश्वविद्यालय (महिला विश्वविद्यालय), उसी जिले में स्थित गांधी हिन्दी विद्यापीठ प्रयाग, अलीगढ़ स्थित नेताजी सुभाष चन्द्र बोस (ओपन यूनिवर्सिटी) अचलताल, प्रतापगढ़ स्थित महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्वविद्यालय, मथुरा के कोसीकला स्थित उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय एवं वृन्दावन में स्थित गुरुकुल विश्वविद्यालय शामिल है.
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि उपरोक्त संस्थाओं से जारी डिग्री अथवा डिप्लोमा प्रमाण पत्र धारी लोगों से अपेक्षा है कि वे 15 दिन के भीतर संबद्ध सभी अभिलेखों के साथ अपनी शिकायत एसआईटी के पुलिस अधीक्षक कार्यालय को भेज दे. यह कार्यालय लखनऊ में गोमती नगर के विभूति खण्ड की मंत्री आवास कालोनी में है, जिसका ईमेल पता ‘एसआईटीयूपीजेयूएनई07ऐटदरेटजीमेल.काम’ है.