रामदेव का आंदोलन शनिवार को तीसरे दिन जारी रहा और योग गुरु ने धमकी दी है कि अगर उनके द्वारा तय समय के अंदर काला धन और लोकपाल विधेयक को लेकर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वह आंदोलन को और तेज करेंगे.
रामदेव ने उनके द्वारा उठाई गई समस्याओं के समाधान के लिए सरकार को तीन दिनों का अल्टीमेटम दिया था जो शनिवार शाम को खत्म हो रहा है. उन्होंने वृहस्पतिवार को रामलीला मैदान में अनशन शुरू किया था. भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम शाम तक इंतजार करेंगे (अपनी मांगों पर सरकार की बात सुनने के लिए) तब तक हमारे तीन दिनों की समय सीमा खत्म होगी. उसके बाद इसी रामलीला मैदान से दहाड़ सुनाई पड़ेगी.’
उन्होंने कहा, ‘हम नाम नहीं ले रहे हैं. लेकिन उसके बाद देश का धन लूटने वालों का हम नाम लेना शुरू करेंगे.’ शुक्रवार से रामलीला मैदान में लोगों की भीड़ में कमी आने लगी है. उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत की साख बढ़ेगी बशर्ते स्वतंत्रता दिवस पर कोई ईमानदार व्यक्ति झंडा फहराए.
उन्होंने कहा, ‘अगर स्वच्छ छवि का व्यक्ति तिरंगा फहराता है तो इससे देश की प्रतिष्ठा बढ़ेगी. लेकिन अगर कोई बेईमान व्यक्ति झंडा फहराता है तो यह लज्जाजनक है. यह कैसे हो सकता है कि तिरंगा हाथ में हो लेकिन आपके दिल में तिरंगा नहीं है.
रामदेव ने शुक्रवार को कहा था कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को काले धन और भ्रष्टाचार से निपटने के मुद्दे पर ‘राजनीतिक ईमानदारी और राजनीतिक इच्छाशक्ति’ दिखानी चाहिए. उन्होंने कहा था कि जब तक सरकार काले धन को वापस लाने और मजबूत लोकपाल कानून लागू करने के मुद्दे पर ‘बड़ा निर्णय’ नहीं करती तब तक वह अनशन स्थल नहीं छोड़ेंगे.
उन्होंने कहा, ‘सरकार की ओर से बड़ा निर्णय आने के बाद ही हम रामलीला मैदान छोड़ेंगे.’ बहरहाल आंदोलन के अगले चरण को लेकर रामदेव ने अपने सहयोगियों से विचार-विमर्श किया.