पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने यू टर्न लेते हुए दिल्ली की एक अदालत को बताया कि उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को नहीं लपेटना चाहा.
राजा के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता सुशील कुमार ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी को बताया, ‘मैंने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में प्रधानमंत्री और तत्कालीन वित्तमंत्री को भी शामिल करने की बात नहीं कही.’
द्रमुक नेता ने प्रधानमंत्री और तत्कालीन वित्त मंत्री के खिलाफ अपने कथित आरोपों के लिए मीडिया को दोषी ठहराते हुए कहा, ‘वे (मीडिया) मुझसे वह नहीं कहलवा सकते जो वे चाहते हैं. उनसे कहिए कि वे सच्चाई से रिपोर्ट लिखें या अदालत कक्ष से बाहर चले जाएं.’
आरोप तय करने को लेकर जिरह की शुरुआत करते हुए राजा के वकील ने सोमवार को दावा किया था कि स्पेक्ट्रम लाइसेंस दूरसंचार कंपनियों द्वारा इक्विटी की बिक्री के मुद्दे पर प्रधानमंत्री और तत्कालीन वित्तमंत्री के साथ चर्चा हुई थी.
राजा के वकील ने अपने तर्क शुरू करते हुए मीडिया की खबरों पर अपनी आपत्ति रिकॉर्ड किए जाने का आग्रह किया.
राजा की ओर से पेश वकील ने कहा, ‘मैं अपना बचाव कर रहा हूं और किसी के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं. मैं किसी के पीछे नहीं पड़ा हूं.’ उन्होंने कहा कि अमेरिका में अदालती कार्यवाही का टेलीविजन पर प्रसारण किया जाता है और समूचा देश इसे देखता है ताकि इस तरह की स्थिति से बचा जा सके.
आरोप पत्र के संदर्भ में वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि पूर्व दूरसंचार मंत्री पर मुकदमा चलाने की अनुमति देना दोषपूर्ण है.
टूजी घोटाले में खुद का बचाव कर रहे राजा ने कल अदालत से कहा था कि 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं करने के उनके फैसले में कुछ भी गलत नहीं था और वह तो केवल अपने पूर्ववर्ती मंत्रियों तथा राजग सरकार द्वारा अपनाई गई नीतियों का पालन कर रहे थे.
राजा के वकील ने कहा था कि चिदंबरम जब वित्त मंत्री थे तो उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया था कि आरोपी लाइसेंसधारकों द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए अपनी हिस्सेदारी में कमी लाइसेंस की बिक्री नहीं है.
यह तर्क देते हुए कि हिस्सेदारी कम करना लाइसेंस बिक्री नहीं है कुमार ने कहा कि राजा को विवादास्पद 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में भ्रष्टाचार का आरोपी नहीं बनाया जा सकता.
उन्होंने कहा, ‘मामले (स्पेक्ट्रम लाइसेंसधारकों द्वारा इक्विटी की बिक्री के बारे में) पर प्रधानमंत्री और तत्कालीन वित्त मंत्री (पी. चिदंबरम) के बीच चर्चा हुई थी.’
कुमार ने कहा था, ‘तत्कालीन वित्त मंत्री जो अब गृहमंत्री हैं ने प्रधानमंत्री के समक्ष कहा था कि कंपनी कानून के मुताबिक हिस्सेदारी कम करना 2जी लाइसेंस की बिक्री नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री को इससे इंकार करने दीजिए.’
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