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गुटबाजी छोड़ भविष्य की चुनौतियों के लिए एकजुट हो कार्यकर्ता: राहुल गांधी

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की निराशाजनक प्रदर्शन से विचलित हुए बिना आपसी गुटबाजी समाप्त करके संगठन को मजबूत करने और वर्ष 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटने की नसीहत दी है.

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राहुल गांधी
राहुल गांधी

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की निराशाजनक प्रदर्शन से विचलित हुए बिना आपसी गुटबाजी समाप्त करके संगठन को मजबूत करने और वर्ष 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटने की नसीहत दी है.

विधानसभा चुनाव के दो महीने बाद पार्टी की हार के कारणों की समीक्षा के लिए अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन मुंशीगंज अतिथि गृह में अमेठी विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं एवं नेताओं के साथ बैठक करते हुए राहुल ने कहा, 'आप सबको आपसी गुटबाजी समाप्त करके पार्टी संगठन को मजबूत करना चाहिए और एकजुट होकर काम करना चाहिए.

संगठन को मजबूत करने के लिए शीघ्र ही कुछ बदलाव किये जायेंगे और हम चाहते है कि पार्टी संगठन को गांव स्तर तक मजबूत किया जाये.’ राहुल के साथ बैठक में शामिल रहे पार्टी कार्यकर्ताओं के अनुसार, समीक्षा बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं एवं नेताओं ने विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के लिए गुटबाजी, कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और उम्मीदवारों की चयन में रही खामियों को जिम्मेदार ठहराया.

उन्होंने बताया कि राहुल ने उनकी बातें ध्यान से सुनने के बाद उन्हें पीछे की बातों को भूलकर भविष्य की चुनौतियों के लिए कमर कसने की नसीहत दी. क्षेत्र में विकास एवं रोजगार की समस्या से जुडे सवाल उठाने पर राहुल ने कहा कि शीघ्र ही अमेठी संसदीय क्षेत्र में एक राष्ट्रीय कागज कारखाना स्थापित किया जायेगा, जिसमें आठ हजार से अधिक लोगों को काम मिलेगा.

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उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को रेल यातायात सुविधा, खेती और बिजली आदि से जुड़ी समस्याओं के निदान के लिए अपने स्तर पर समुचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है.

उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में राहुल की बहन और पार्टी की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी बाड्रा ने उनके संसदीय क्षेत्र अमेठी तथा मां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में आने वाली दस विधानसभा सीटों पर पार्टी की जीत के लिए महीने भर से अधिक समय तक डेरा डाल कर सघन जनसम्पर्क किया था.

इसके बावजूद पार्टी को अमेठी की केवल दो सीटो पर जीत मिल पायी थी, जबकि रायबरेली में पार्टी को कोई भी सीट नहीं मिल पायी थी.

यह प्रदर्शन तब था जबकि इससे पहले हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को इन दोनों संसदीय क्षेत्रों की दस में से सात सीटों पर जीत मिली थी.

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