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विकास की मुख्यधारा में शामिल हों नक्सली: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने नक्सलियों से आह्वान किया है कि वे हिंसा छोड़ बातचीत का रास्ता अपनायें और विकास की मुख्यधारा में शामिल हो आदिवासी जनता की प्रगति के लिए कार्य करें.

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राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल

राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने नक्सलियों से आह्वान किया है कि वे हिंसा छोड़ बातचीत का रास्ता अपनायें और विकास की मुख्यधारा में शामिल हो आदिवासी जनता की प्रगति के लिए कार्य करें.

छत्तीसगढ़ विधानसभा को संबोधित करते हुए पाटिल ने कहा कि छत्तीसगढ़ कुछ अन्य राज्यों के समान ही नक्सलवाद की समस्या का सामना कर रहा है. पिछले कुछ समय के दौरान नक्सलवादी हिंसा की कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें बहुत सी अमूल्य जाने गई हैं. सभी को याद रखना होगा कि देश के विकास के लिए शांति की स्थापना हो और उसे कायम रखना बहुत जरूरी है. वास्तव में हिंसा के मार्ग पर चलकर कुछ भी प्राप्त नहीं होता है. यह केवल विनाश और पीड़ा देती है.

राष्ट्रपति ने कहा कि समस्या कितनी भी बड़ी हो उसे वार्तालाप और संवाद द्वारा सुलझाया जा सकता है. हिंसा और हत्या निंदनीय अपराध है और इन्हें किसी भी सभ्‍य समाज में स्वीकार नहीं किया जा सकता है. पाटिल ने कहा, ‘मैं नक्सलवादियों और हिंसा में लगे हुए अन्य सभी लोगों का आह्वान करूंगी कि वे हिंसा छोड़ दें, वार्ता करें, उचित और व्यवहार्य रूप से सोचें और विकास की मुख्य धारा में शामिल होकर अपनी आदिवासी जनता की प्रगति का रास्ता सुगम बनाए.’

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उन्होंने कहा कि संविधान में शामिल हमारे मूल्यों जैसे सामाजिक सौहार्द तथा शांति के सिद्धांतों पर चलकर लोगों की बेहतरी और देश की प्रगति के लिए मिल-जुलकर कार्य करें, क्योंकि हमारे लक्ष्य महत्वपूर्ण है, इसलिए होश से काम करें जोश से नहीं. प्रतिभा पाटिल ने कहा कि हमारे धर्मग्रंथों में भी मिल जुलकर आगे बढ़ने पर जोर दिया गया है. हमें इस राह पर चलने में कई दिक्कतें कई समस्याएं और मुश्किलें आएंगी, लेकिन इसका सामना करते हुए अपनी राह पर चलते रहना होगा.

उन्होंने कहा कि हर किसी को यह समझना होगा क्योंकि हमने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को 62 सालों से आगे बढ़ाया इसे मजबूत किया है और पूरी दुनिया इसकी सराहना करती है. इसलिए हमें इसके प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा.

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था तेजी से विकास की ओर बढ़ रही है. इस अच्छे प्रदर्शन के कारण आज हमारा देश विश्व व्यवस्था में एक मजबूत भागीदार के रूप में उभरकर आया है. कहा जाता है कि यह शताब्दी एशिया की होगी और भारत की भूमिका उसमें प्रमुख रहेगी लेकिन हम सभी को गौर करना चाहिए कि अर्थव्यवस्था में इस प्रगति का लाभ अभी भी समाज के हर तबके तक नहीं पहुंच पा रहा है. सही मायने में विकास का अर्थ है, राष्ट्र समृद्ध हो, उसके नागरिक विवेकशील और शिक्षित हों, आपस में भाईचारा और देश में सुशासन हो तथा प्रगति का लाभ समाज के हर तबके और खासकर वंचित लोगों तक पहुंचे. साथ ही संतुलित प्रगति हो और कल्याण कार्यक्रमों का लाभ सभी तक पहुंचे. यही महात्मा गांधी का सपना था और यही हमारा प्रयास भी होना चाहिए.

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पाटिल ने इस अवसर पर विधानसभा भवन में स्थित नवनिर्मित केंद्रीय कक्ष का उद्घाटन भी किया. पाटिल दो दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास पर रायपुर पहुंचीं तथा शनिवार को रायपुर नगर निगम मुख्यालय का लोकार्पण करेंगी.

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