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अर्थव्यवस्था 9 प्रतिशत वृद्धि के रास्ते पर, दूसरी तिमाही में 8.9 प्रतिशत वृद्धि

देश की अर्थव्यवस्था ने औद्योगिक क्षेत्र की धीमी गति से मायूस आर्थिक विशेषज्ञों के अनुमानों को झुठलाते हुये चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 8.9 प्रतिशत की उच्च वृद्धि दर्ज की.

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देश की अर्थव्यवस्था ने औद्योगिक क्षेत्र की धीमी गति से मायूस आर्थिक विशेषज्ञों के अनुमानों को झुठलाते हुये चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 8.9 प्रतिशत की उच्च वृद्धि दर्ज की.

सरकार ने पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़ों में भी संशोधन किया है जो पहली तिमाही की वृद्धि दर से बढकर दूसरी तिमाही के बराबर हो गयी है. इस प्रकार कुल मिलाकर पहली छमाही की (अप्रैल-सितंबर 2010-11) जीडीपी वृद्धि 8. 9 प्रतिशत हो गई. विश्लेषकों ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि 9 प्रतिशत तक पहुंच सकती है.

बेहतर मानसून ने दूसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र की स्थिति में सुधार ला दिया. इस दौरान कृषि क्षेत्र की वृद्धि पिछले साल के 0.9 प्रतिशत के मुकाबले 4.4 प्रतिशत हो गई. अगस्त और सितंबर में औद्योगिक उत्पादन की धीमी प्रगति के बावजूद दूसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में 9.8 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि दर्ज की गई.

केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) ने मंगलवार को वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) के आंकडे जारी किये. सीएसओ ने इसके साथ ही पहली तिमाही के जीडीपी वृद्धि के संशोधित आंकडे भी जारी किये.

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{mospagebreak}वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा, ‘‘चौतरफा निराशाजनक खबरों के बीच यह अच्छी खबर आई है.’’ इससे अब यह विश्वास बढा है कि अर्थव्यवस्था में इस साल 8.75 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हो सकती है.

उन्‍होंने कहा, ‘‘हमारा विश्वास है कि वित्त वर्ष की समाप्ति पर जीडीपी वृद्धि 8.75 प्रतिशत से कम नहीं होगी, बल्कि यह अधिक होगी.’’ सरकार और रिजर्व बैंक इससे पहले चालू वित्त वर्ष में 8.5 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान व्यक्त करते रहे हैं. पिछले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि 7.4 प्रतिशत रही थी.

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