प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के कार्यालय में जासूसी होने से जुड़े संदेह को दूर करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि खुफिया ब्यूरो (आईबी) ने ऐसा कुछ नहीं पाया और यह ‘बंद हो चुका अध्याय’ है.
संपादकों के एक समूह के साथ बातचीत के दौरान सिंह ने कहा कि उन्होंने इस मामले की जांच करने के लिये आईबी को निर्देश दिये थे. गृह मंत्री पी. चिदंबरम इस बात से अवगत नहीं थे. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘उन्होंने (मुखर्जी ने) मुझसे शिकायत की थी. मैंने आईबी को गहन जांच करने के निर्देश दिये थे. आईबी ने मुझे रिपोर्ट करते हुए कहा कि वहां इस तरह की कोई बात नहीं है.’
वह इस सवाल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि क्या वित्त मंत्री ने उनसे यह शिकायत की थी कि उनके दफ्तर में कथित जासूसी की कोशिश हो रही है. सिंह ने जोर देते हुए कहा, ‘यह बंद हो चुका अध्याय है.’
इस सवाल पर कि क्या गृह मंत्री को इस संबंध में विश्वास में नहीं लिया गया था, उन्होंने कहा, ‘यह सही है. सरकार में ‘जानने की जरूरत’ का सिद्धांत होता है. बतौर प्रधानमंत्री मैंने आईबी से मुझे इस बात से संतुष्ट कराने को कहा कि वहां इस तरह का कुछ भी (जासूसी) नहीं हो रहा है.’