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मुंबई हमलों के बाद पाशा को भारत भेजने के प्रस्ताव को पाक सेना ने किया खारिज

मुंबई पर आतंकवादी हमले के बाद भारत के साथ बढ़े तनाव को कम करने के लिए ब्रिटेन के जोर देने पर आईएसआई प्रमुख अहमद शुजा पाशा को भारत भेजने के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के प्रस्ताव को पाकिस्तान की सेना ने ठुकरा दिया था.

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मुंबई पर आतंकवादी हमले के बाद भारत के साथ बढ़े तनाव को कम करने के लिए ब्रिटेन के जोर देने पर आईएसआई प्रमुख अहमद शुजा पाशा को भारत भेजने के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के प्रस्ताव को पाकिस्तान की सेना ने ठुकरा दिया था.

सार्वजनिक हो चुके अमेरिका के एक गोपनीय दस्तावेज से इस बात का खुलासा होता है कि ब्रिटेन के तत्कालीन विदेशमंत्री डेविड मिलिबैंड ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को फोन करके कहा कि आईएसआई प्रमुख को भारत भेजा जाए जिस पर जरदारी राजी हो गए. लेकिन जनरल अशफाक परवेज कयानी के नेतृत्व वाली पाकिस्तानी सेना ने इसे खारिज कर दिया.

मिलिबैंड ने मेजर जनरल पाशा को ‘नया-नया’ बताकर स्वागत किया और आईएसआई में सुधार के लिए ब्रितानी समर्थन भी जाहिर किया.

जरदारी ने कहा कि आईएसआई के नये नेता ‘स्पष्टवादी’ हैं और संविधान में उनकी भूमिका बताई गई है लेकिन उन्हें बदलने में अभी समय लगेगा.

पाकिस्तान में ब्रिटेन के उच्चायुक्त रॉबर्ट ब्रिंक्ली और मिलिबैंड ने भारत जाने के लिए पाशा पर दबाव बनाया. इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास से एक दिसम्बर 2008 को जारी एक संदेश में यह बात कही गई.

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दस्तावेज में कहा गया है, ‘आईएसआई में निदेशकों के विभिन्न स्तरों के बारे में जरदारी को विस्तार से बताया गया लेकिन आखिरकार कह दिया कि पाशा को भारत भेजने के प्रस्ताव पर आर्मी ने वीटो कर दिया. जरदारी ने मिलिबैंड से कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दुर्रानी को भारत भेजा जा सकता है.’

गोपनीय दस्तावेज के मुताबिक, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा कि पाशा को फौरन भारत भेजना संभव नहीं होगा क्योंकि उन्हें पहले जनमत पर काम करने की जरूरत है.

इसमें कहा गया है कि ब्रितानी राजनयिक ने लश्कर ए तैयबा के बारे में जरदारी को वही जानकारी दी जो उन्होंने पहले आईएसआई को दी थी.

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