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जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री स्वदेश लौटे

कान्स में आयोजित दो दिवसीय जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को स्वदेश लौट आए.

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मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह

कान्स में आयोजित दो दिवसीय जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को स्वदेश लौट आए.

इस सम्मेलन में सदस्य देशों से धनशोधन और आतंकवादियों को मिलने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगाने के उद्देश्य से सूचनाओं के आदा-प्रदान के लिए मानक अपनाने को कहा गया है.

फ्रांस के तटीय रिजॉर्ट की मनमोहन सिंह की यात्रा शुक्रवार को संपन्न हुई. यूरोजोन के यूनान जैसे संप्रभु सदस्यों के भुगतान न कर पाने के बढ़ते खतरे के कारण गहरे होते यूरोपीय संकट के बीच कान्स में 20 सर्वाधिक प्रभावशाली अर्थव्यवस्थाओं के प्रमुखों ने दो दिन तक गहन विचार-विमर्श किया.

जी 20 में प्रधानमंत्री ने कहा कि यूरोजोन संकट वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है. लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि यूरोपीय देशों की पहली जिम्मेदारी इस संकट से सही तरीके से निपटना है.

दो दिवसीय इस शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी भाग लिया. सम्मेलन की मेजबानी फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी ने की. सम्मेलन के समापन पर जारी एक बयान में, कर संबंधी धोखाधड़ी में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में सहयोग न दिए जाने पर कार्रवाई किए जाने की चेतावनी भी दी गई है.

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बयान में देशों से कर, मितव्ययता और धनशोधन तथा आतंकवाद के लिए वित्तीय सहायता पर रोक संबंधी अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने का आह्वान किया गया है.

मनमोहन सिंह ने बयान का स्वागत करते हुए कहा कि इससे भारत की बैंक संबंधी पारदर्शिता बढ़ाने, सूचनाओं का आदान-प्रदान करने की चाह परिलक्षित होती है ताकि कर संबंधी जालसाजी, कर वंचन और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों से निपटा जा सके.

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