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प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से संपत्ति का ब्योरा देने को कहा

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सरकार के मंत्रियों से अपनी तथा अपने जीवनसाथी और आश्रितों की संपत्ति का ब्योरा घोषित करने को कहा है जिसमें व्यापार आदि की जानकारी भी शामिल हो. मंत्रियों के लिए आचार संहिता के अनुरूप उनसे 31 अगस्त तक ब्योरा जमा करने को कहा गया है.

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मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सरकार के मंत्रियों से अपनी तथा अपने जीवनसाथी और आश्रितों की संपत्ति का ब्योरा घोषित करने को कहा है जिसमें व्यापार आदि की जानकारी भी शामिल हो. मंत्रियों के लिए आचार संहिता के अनुरूप उनसे 31 अगस्त तक ब्योरा जमा करने को कहा गया है.

कैबिनेट सचिव के.एम. चंद्रशेखर ने 2 जून को लिखे पत्र में मंत्रियों से कहा है, ‘प्रधानमंत्री ने मुझे आपको यह अवगत कराने का निर्देश दिया है कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्यों को मंत्रियों के लिए आचार संहिता के अनुरूप घोषणा करने की जरूरत है.’

उन्होंने कहा, ‘इस संबंध में मुझे आपको यह सूचित करना है कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्यों को आचार संहिता के मद्देनजर संपत्तियों, देनदारियों, व्यापारिक हितों और अन्य किसी व्यापार के प्रबंधन तथा जीवनसाथी व आश्रितों के किसी विदेशी सरकार या संगठन के तहत रोजगार के बारे में जानकारी देना जरूरी है.’ चंद्रशेखर ने मंत्रियों का ध्यान संहिता के पैराग्राफ 1 (ए), 2 (ए), 2 (ई) तथा 3.2 की ओर आकर्षित किया है.

पैराग्राफ 1 (ए) के अनुसार, ‘अपनी तथा अपने परिवार के सदस्यों की संपत्तियों और देनदारियों और व्यापार संबंधी जानकारी का ब्योरा प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री, जैसा भी मामला हो को घोषित की जाएं.’

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विवरण में समस्त अचल संपत्ति का ब्योरा और शेयरों तथा डिबेंचरों की जानकारी, नगदी का ब्योरा, आभूषणों की जानकारी शामिल होगी. संपत्तियों और देनदारियों के संबंध में बयान उस वित्तीय वर्ष के संदर्भ में होगा जिसका आयकर रिटर्न मंत्री ने जमा कर दिया हो.

संहिता के पैराग्राफ 3.2 के अनुसार, ‘केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्रियों और राज्य-केंद्रशासित प्रदेशों समेत किसी मंत्री को अपने जीवनसाथी और आश्रितों को भारत में या विदेश में किसी विदेशी सरकार के अधीन या विदेशी संगठन में रोजगार को करने की अनुमति बिना प्रधानमंत्री की पूर्व मंजूरी के नहीं देनी चाहिए.’

संहिता के अनुसार जब किसी मंत्री के जीवनसाथी या कोई आश्रित पहले ही इस तरह के रोजगार में हो तो इसकी जानकारी प्रधानमंत्री को दी जानी चाहिए ताकि फैसला हो सके कि काम जारी रहे या नहीं.

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