भले ही सरकार 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति का गठन करने की विपक्ष की मांग पर राजी हो गई है, संसद की लोक लेखा समिति के इस मामले में अपनी रपट संसद के मानसून सत्र में पेश किए जाने की संभावना है.
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली लोक लेखा समिति मामले की जांच तेजी से कर रही है और इस समय 2जी स्पेक्ट्रम आबंटन पर शिवराज पाटिल की रपट की समीक्षा कर रही है.
न्यायमूर्ति पाटिल ने हाल ही में 150 पन्नों की रपट और उसके 1300 संलग्न पृष्ठों को दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल को सौंपा है. लोक लेखा समिति प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा सौंपे गए करीब 1,400 दस्तावेजों की भी समीक्षा कर रही है.
हालांकि समिति को अभी यह निर्णय करना बाकी है कि समिति के समक्ष पेश होने की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पेशकश को स्वीकार किया जाए या नहीं.
पंद्रह सदस्यीय समिति के एक सदस्य ने कहा, ‘हम इन सभी दस्तावेजों की जांच करने के बाद ही प्रधानमंत्री की पेशकश पर निर्णय करेंगे.’ उसने बताया कि हमें लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से पुष्टि भी करानी होगी क्योंकि उनकी रजामंदी के बाद ही मंत्रियों को समन जारी किया जा सकता है.’
सूत्र ने यह स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री द्वारा खुद ही लोक लेखा समिति के समक्ष उपस्थिति होने की पेशकश किए जाने से एक विचित्र सी स्थिति पैदा हो गई है. इस बीच, लोक लेखा समिति ने 2जी स्पेक्ट्रम आबंटन घोटाले के संबंध में प्रमाण देने के लिए कैबिनेट सचिव के.एम. चन्द्रशेखर को बुलाने की योजना बनाई है.