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पीएसी और सैन्य प्रमुखों के बीच कोई गतिरोध नहीं: जोशी

लोक लेखा समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने इस बात से इनकार किया कि सेना में कैंटीन भंडार आपूर्ति में अनियमितताएं होने संबंधी कैग की रिपोर्ट पर चर्चा के लिये पीएसी के समक्ष विचार रखने को लेकर समिति और सैन्य प्रमुखों के बीच किसी तरह का कोई गतिरोध था.

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लोक लेखा समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने आज इस बात से इनकार किया कि सेना में कैंटीन भंडार आपूर्ति में अनियमितताएं होने संबंधी कैग की रिपोर्ट पर चर्चा के लिये पीएसी के समक्ष विचार रखने को लेकर समिति और सैन्य प्रमुखों के बीच किसी तरह का कोई गतिरोध था.

जोशी ने यहां पीएसी की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, ‘यह कहना गलत है कि समिति और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के बीच किसी तरह का कोई गतिरोध था या सैन्य प्रमुखों को कोई हिचकिचाहट थी. अगर ऐसा होता तो तीनों सेनाओं के शीर्ष अधिकारी आज समिति की बैठक में शामिल नहीं होते.’

उन्होंने कहा, ‘सैन्य प्रमुख इस बात को समझते हैं कि यह जानने के लिये कि जनता के धन का उचित उपयोग हुआ है या नहीं, पीएसी किसी भी अफसर को बुला सकती है या कोई दस्तावेज मांग सकती है. उन्हें (सैन्य प्रमुखों को) समिति के समक्ष अपने विचार जाहिर करने में कोई दिक्कत नहीं थी. यह बैठक सकारात्मक रही.’ बुधवार सुबह करीब 11 बजे थलसेना अध्यक्ष जनरल वी. के. सिंह सैनिकों के लिये सूखे राशन की खरीद के संबंध में आयी कैग की रिपोर्ट पर अपने विचार व्यक्त करने समिति के समक्ष उपस्थित हुए.{mospagebreak}

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इसके बाद दोपहर को सेना में कैंटीन भंडार आपूर्ति में अनियमितताएं होने संबंधी कैग की रिपोर्ट पर चर्चा के लिये जनरल सिंह सहित वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल पी वी नाईक और नौसेना के उपप्रमुख डीके दीवान पीएसी के समक्ष उपस्थित हुए.

जोशी ने कहा, ‘समिति ने सैन्य प्रमुखों से कुछ मुद्दों पर स्पष्टीकरण देने को कहा. इस पर तीनों अधिकारियों ने कहा कि वे अपनी-अपनी सेना में विचार-विमर्श के बाद समिति को अपने विचारों से अवगत करायेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘सैन्य प्रमुखों के साथ हमारी बैठक सकारात्मक रही. इसमें व्यवस्था में सुधार लाने के संबंध में महत्वपूर्ण चर्चा हुई.’

सैन्य प्रमुखों को बुलाये जाने की जरूरत के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा, ‘तीनों सेनाओं में नियमों का निर्धारण उनके प्रमुख ही करते हैं. लिहाजा, जो नियम बनाते हैं उन्हें बुलाना जरूरी होता है ताकि यह जाना जा सके कि नियमों का अनुपालन किस तरह किया जा रहा है.’ उन्होंने साफ किया कि पीएसी ने सैन्य प्रमुखों से कुछ मुद्दों पर स्पष्टीकरण देने का ‘आग्रह’ किया था. उन्हें तलब नहीं किया गया था. सैन्य प्रमुखों ने समिति के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया और बताया कि किस तरह से राशन का प्रबंध किया जाता है.{mospagebreak}

सेना के वरिष्ठतम अधिकारियों को पीएसी के समक्ष बुलाये जाने का क्या यह अपनी तरह का पहला मामला है, इस पर जोशी ने कहा कि इससे पहले नौसेना के एक उच्च अधिकारी और मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी जैसे आला अफसर भी पीएसी की बैठक में शामिल हो चुके हैं.

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यह पूछे जाने पर कि क्या सैन्य प्रमुखों को दोबारा बुलाये जाने की कोई संभावना है, जोशी ने कहा, ‘हमने कुछ मुद्दों पर सैन्य प्रमुखों से उनके विचार बताने को कहा है. अगर समिति जरूरत समझती है तो सैन्य प्रमुखों को दोबारा बुलाये जाने पर विचार किया जायेगा.’

बैठक के बाद थलसेनाअध्यक्ष जनरल सिंह ने कहा कि पीएसी के सदस्यों के सुझावों पर गौर किया जाएगा और छह महीने के अंदर समिति को एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘बैठक काफी बढ़िया रही. सांसदों ने कुछ अच्छे सुझाव पेश किए जिन पर हम गौर करेंगे.’

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