अल कायदा के आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के अंगरक्षक अहमद खलफान घैलानी को कीनिया और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर 1998 के बम हमलों में उसकी भूमिका के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इन हमलों में 224 लोगों की मौत हो गई थी.
गुआंतानामो बे में रखा गया घैलानी इस जेल का ऐसा पहला कैदी है, जिसपर दीवानी अदालत में मुकदमा चलाया गया. न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार यातना की पृष्ठभूमि के चलते बचाव पक्ष ने घैलानी के लिए हलकी सजा की दरख्वास्त की थी.
न्यायाधीश कपलान ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हिरासत के दौरान घैलानी के साथ क्या सुलूक किया गया. उसने और उसके संगठन ने लोगों को जो पीड़ा पहुंचाई है वह कहीं अधिक है. न्यायाधीश ने कहा, ‘यह सोची समझी हत्याएं थीं और बड़े पैमाने पर बेगुनाह लोगों की जान ली गई. उनका मकसद हत्या और बर्बादी के जरिए आतंक फैलाना था.’
घैलानी को 2004 में पाकिस्तान से गिरफ्तार किया गया था और पिछले वर्ष गुआंतानामो से मैनहटन ले जाया गया था ताकि उसपर दीवानी अदालत में मुकदमा चलाया जा सके. उसने इस मामले में खुद को बेगुनाह बताया था.