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2जी स्पेक्ट्रम मामले में विपक्षी दलों की जेपीसी जांच की मांग उचित नहीं: सिब्बल

2जी स्पेक्ट्रम मामले में संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की मांग खारिज करते हुए दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने आज कहा कि इससे वांच्छित लक्ष्य हासिल करने में मदद नहीं होगी. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों का रवैया पूरी तरह राजनीति है.

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2जी स्पेक्ट्रम मामले में संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की मांग खारिज करते हुए दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने आज कहा कि इससे वांच्छित लक्ष्य हासिल करने में मदद नहीं होगी. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों का रवैया पूरी तरह राजनीति है.

सिब्बल ने कहा कि सरकार मामले की पारदर्शिता के लिये और उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच के खिलाफ नहीं है. लेकिन मामले में इसमें कार्यपालिका की ओर से किसी हस्तक्षेप के पक्ष में नहीं है ताकि पूरे मामले में पारदर्शिता हो और उसमें लोगों का विश्वास बना रहे.

उन्होंने कहा कि सरकार ने लाइसेंस प्राप्त करने वाली अयोग्य कंपनियों का पता लगाने के लिये कार्रवाई शुरू की है. जहां तक उनके आपराधिक दोषी होने का सवाल है, मामले की जांच जारी है.

सिब्बल ने कहा, ‘आपराधिक दोष की जांच सीबीआई कर रही है और हम उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच के खिलाफ नहीं है. हम मामले की पारदर्शिता और लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए इसमें कार्यपालिका का कोई हस्तक्षेप नहीं चाहते. संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) इससे बेहतर कुछ नहीं कर सकती है.’{mospagebreak}

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मंत्री ने कहा कि जेपीसी का गठन आमराय से होना चाहिए या फिर वहां होना चाहिए जहां देश हित का मामला आता है. विपक्षी दलों की मांग शुद्ध रूप से राजनीति से प्रेरित है.

उन्होंने कहा कि दूरसंचार मंत्रालय 2008-09 के बीच किये गये फैसलों की जांच करेगा. इस बाबत कार्रवाई पहले ही शुरू की जा चुकी है. जिन कंपनियों ने लाइसेंस हासिल करने के लिये कथित तौर पर सूचनाएं छुपायी हैं, उन्हें नोटिस दिया जाएगा और उसे पूछा जाएगा कि उनका लाइसेंस क्यों नहीं रद्द कर दिया जाए.

जेपीसी की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से सरकार और विपक्षी दलों के बीच गतिरोध जारी है. इसके कारण पिछले 10 नवंबर से संसद की कार्यवाही नहीं हो पा रही है. सिब्बल ने कहा कि सरकार संसद में मामले पर चर्चा के लिये तैयार है. उन्होंने कहा, ‘आखिर विपक्षी दल बहस की अनुमति क्यों नहीं दे रहे हैं क्योंकि वे मामले में पूर्ण बहस नहीं चाहते हैं. यह बताता है कि जेपीसी की मांग अनुचित है.

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