scorecardresearch
 

केंद्र व कांग्रेस के बीच मतभेद नहीं: सोनिया गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी और सरकार में किसी तरह के मतभेद की अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सरकार के कार्यक्रम और नीतियां सही है.

Advertisement
X
सोनिया गांधी
सोनिया गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी और सरकार में किसी तरह के मतभेद की अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सरकार के कार्यक्रम और नीतियां सही है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने हालांकि मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दिये जाने से संबंधित विवादास्पद निर्णय का कोई उल्लेख नहीं किया. संसद के भीतर और बाहर विपक्ष के जबर्दस्त विरोध के कारण सरकार को यह निर्णय टालना पड़ा है.

उन्होंने कहा, ‘हमारे राजनीतिक विरोधी ऐसी बात फैलाने का प्रयास करते रहे हैं कि इस मुद्दे (खुदरा एफडीआई) पर सरकार और कांग्रेस में मतभेद है. इस विषय पर मैं स्थिति स्पष्ट करना चाहती हूं कि विचार अलग अलग हो सकते हैं लेकिन अंतत: जो कुछ भी किया जाता है, वह सब मिलजुल कर किया जाता है.’ सोनिया ने कहा कि उन्हें पार्टी के ‘पराजयवादी’ होने की कोई वजह नहीं दिखाई देती लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि उपलब्धियों के प्रचार को लेकर पार्टी और सरकार दोनों में प्रयासों की कमी है.

Advertisement

विपक्ष विशेष तौर पर भाजपा नीत राजग को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘हम एकजुट होकर अस्थिर करने वाली ताकतों का मुकाबला करें जिन्होंने 2004 के जनादेश को कभी स्वीकार नहीं किया और न न ही 2009 में एक बार फिर हमारे उपर व्यक्त जनता के विश्वास को माना.’ उन्होंने कहा कि विपक्ष तेज आवाज में बोल सकता है लेकिन वह अवसरवादी है. उसकी अवसरवादी रणनीति का कोई आधार नहीं है.

संप्रग अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस नीत गठबंधन कभी भी चर्चा से पीछे नहीं हटा, जिसकी मांग विपक्ष करता रहा है. उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, ‘ऐसा लगता है कि भाजपा नीत राजग का एकमात्र उद्देश्य हमारे विधायी एजेंडे को पटरी से उतारने का है.’

सोनिया ने कहा, ‘हालांकि हम इससे विचलित नहीं होंगे. हमारी प्रतिबद्धता भारत के लोगों के प्रति है. हम प्रशासन और विधायी कायो’ को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे.’ कांग्रेस संसदीय बोर्ड की बैठक के दौरान जुझारू तेवर दिखाते हुए उन्होंने कहा कि वह संसद में लोकपाल विधेयक को पारित कराने के लिए वह संघर्ष करेंगी. उन्होंने विपक्ष की ‘बाधा डालने वाली रणनीति’ अपनाने के लिये आलोचना की और अन्ना हजारे टीम को सरकार की ‘जानबूझकर एवं दुर्भावनापूर्ण आलोचना’ के लिए आड़े हाथों लिया.

Advertisement

उन्होंने हजारे की टीम के किसी भी सदस्य का नाम लिये बिना कहा, ‘भ्रष्टाचार की बुराई से नहीं निपटने के लिए हमें निशाना बनाया जा रहा है और आलोचना की जा रही है. यह जानबूझकर किया जा रहा दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार है.’ गौरतलब है कि अन्ना हजारे ने लोकपाल के मुद्दे पर 27 दिसंबर से अनशन पर जाने की धमकी दी है.

सोनिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं लोकपाल और महिला आरक्षण के मुद्दे पर संघर्ष जारी रखूंगी. मैं ऐसा कोई कारण नहीं देखती कि हम पराजित हों.’ उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे से निपटने के लिए तीन महत्वपूर्ण विधेयक जल्द ही पारित होंगे जिसमें एक विहस्लब्लोअर संरक्षण विधेयक, दूसरा धनशोधन रोधी व्यवस्था को मजबूत बनाने और तीसरा विदेशी कंपनियों की ओर से भारतीय लोक सेवकों को रिश्वत देने पर रोक लगाने से संबंधित है.

सोनिया ने कहा, ‘कल ही सरकार ने लोकपाल विधेयक को मंजूरी दी है जिसे संसद में पेश किया जायेगा और पारित कराया जायेगा.’ खाद्य सुरक्षा विधेयक के बारे में उन्होंने कहा, ‘हमें इस पर काम करना है क्योंकि इससे बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को सुरक्षा प्राप्त होगी जो भूख और कुपोषण के शिकार हैं.’

सोनिया ने कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक हमारी विकास आधारित पहल की दिशा में सही कदम है और वह यह समझती हैं कि इस संबंध में अभी भी कुछ चिंताएं हैं लेकिन निश्चित तौर पर यह निर्णय मील का पत्थर है. उन्होंने प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और सरकार के सहयोगियों को 2009 के घोषणापत्र में किये गए वायदों को पूरा करने में मदद देने के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने इच्छा जतायी कि सभी पार्टी कार्यकर्ता खाद्य सुरक्षा विधेयक को राजनीतिक अभियान के केंद्र में रखें.

Advertisement

उत्तरप्रदेश समेत पांच अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में सोनिया ने कहा कि वहां निश्चित तौर पर जनभावना हमारे पक्ष में है और अगर पार्टी उद्देश्यपूर्ण ढंग से और एकजुट होकर अभियान चलाती है तो वह उत्तराखंड और पंजाब में सत्ता में आ सकती है.

उत्तरप्रदेश का उल्लेख करते हुए सोनिया ने कहा कि पार्टी को हालांकि कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन उसका समर्थन बढ़ रहा है.

उन्होंने कहा, ‘हमारे समक्ष चुनौती इस बात की है कि चुनाव के दिन इस समर्थन को वोट में तब्दील करें. उत्तरप्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी लोगों को इस दिशा में कठिन परिश्रम करना है और हमारे सहयोगियों के प्रयासों को बल देना है.’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मणिपुर और गोवा में पार्टी सत्ता में है और पिछले पांच वषरे के कामकाज से हमें विश्वास है कि जनता हमारे उपर एक बार फिर भरोसा जतायेगी.

उन्होंने पार्टी सांसदों से कहा कि कांग्रेस ने खाद्य सुरक्षा और लोकपाल पर अपने चुनावी वायदों को पूरा करने की दिशा में काम किया है और इस दिशा में संघर्ष जारी रहेगा.

सोनिया ने कहा कि ऐसा लगता है कि महंगाई के मुद्दे पर थोड़ी राहत मिली है. खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट आना हमारे लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘यह राहत आसानी से नहीं मिली है. यह पिछले कुछ महीनों में सरकार के सतत प्रयासों का नतीजा है. हम मानते हैं कि महंगाई से अधिक आम आदमी को कोई अन्य मुद्दा आहत नहीं कर सकता. महंगाई को नियंत्रण में रखना हमारी प्राथमिकता बनी रहेगी.’ यूरोजोन संकट के परिप्रेक्ष्य में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि दुनिया के कई देश इस समय आर्थिक और वित्तीय संकट से गुजर रहे हैं और इसका हमारे विकास पर भी असर पड़ना शुरू हो गया है.

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘हालांकि हमारा घरेलू बाजार काफी बड़ा है जिसके कारण हम बाहय अनिश्चितता का मुकाबला कर सकेंगे.’ काले धन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने प्रभावी ढंग से इस विषय पर सरकार की स्थिति और कार्रवाई को प्रस्तुत किया है. उन्होंने इस मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों के दोहरेपन और खोखलेपन को उजागर किया है.

सरकार के कार्यकाल का आधा समय पूरा करने का उल्लेख करते हुए सोनिया ने कहा कि समय आ गया है कि हम अपनी उपलब्धियों और प्राथमिकताओं की समीक्षा करें.

उन्होंने कहा, ‘मैं 2009 के घोषणापत्र को देख रही थी और मैंने पाया कि कई वायदों को पूरा किया जा चुका है.’ कांग्रेस अध्यक्ष ने दलित एवं आदिवासी उद्यमियों के लिए 7,000 करोड़ रुपये की योजना और हथकरघा बुनकरों के लिए 6000 करोड़ के पैकेज का भी उल्लेख किया.

Advertisement
Advertisement