माओवादियों के लालगढ़ छोड़ कर झाड़ग्राम को अपना गढ़ बनाने की संभावना व्यक्त की जा रही है. इसका कारण इस उपसंभाग में पिछले दो महीने में हत्या और हिंसा की बहुत सी घटनाओं के सामने आने को माना जा रहा है.
पुलिस सूत्रों का मानना है कि बेलपहाड़ी और लालगढ़ में भारी संख्या में सुरक्षा बल मौजूद हैं, इसलिए माओवादी स्थानांतरित होने पर मजबूर हुए हैं. संयुक्त सुरक्षा बलों के लालगढ़ में सात और बेलपहाड़ी में नौ शिविर हैं, जबकि झाड़ग्राम में मात्र तीन और जांबोनी में एक शिविर हैं.
सूत्रों ने आंकड़ों के हवाले से बताया कि झाड़ग्राम के आस-पास पिछले दो महीने में माकपा के लगभग 50 स्थानीय नेता और समर्थक मारे गए, जबकि लालगढ़ में इस समयांतराल में किसी के हताहत होने की खबर सामने नहीं आई.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा ‘‘बेलपहाड़ी और लालगढ़ के आस-पास संयुक्त बलों के कई शिविर हैं, इसलिए माओवादी वहां सक्रिय नहीं रह पा रहे हैं. यही कारण है कि वे अब झाड़ग्राम की ओर स्थानांतरित हो रहे हैं. झाड़ग्राम ही क्यों, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि झाड़ग्राम झारखंड से पास है. उन्होंने कहा ‘‘माओवादी अपराध करने के बाद वहां से आसानी से झारखंड में घुस सकते हैं और प्रदेश की सीमा से बाहर जाने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार को उन्हें पकड़ पाने में बहुत समय लगेगा और कानूनी समस्याएं आएंगी.