देशभर में नक्सल हिंसा में 2008 से 2010 के बीच सुरक्षा जवानों सहित 2600 से अधिक लोग मारे गये.
गृह राज्य मंत्री गुरुदास कामत ने लोकसभा को बताया कि नक्सलियों ने समीक्षाधीन अवधि में टेलीफोन एक्सचेंज, रेलवे संपदा, बिजली संयंत्र, खदानों और स्कूल इमारतों को ध्वस्त करने के 900 से अधिक प्रयास किये.
उन्होंने लिखित जवाब में बताया कि दो साल में मारे गये 2632 लोगों में से 1799 आम लोग और 833 सुरक्षाकर्मी शामिल थे.
मंत्री ने बताया कि समीक्षाधीन अवधि में नक्सली हिंसा की 6061 घटनाएं हुईं. सरकार ने वामपंथी उग्रवाद से संबद्ध तीन संगठनों भाकपा माले-पीपुल्स वार, माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर (एमसीसी) और भाकपा-माले को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत प्रतिबंधित कर दिया है.